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राज्यों के कृषि और बागवानी मंत्री करेंगे बंगलुरु में दो दिन तक मंथन
Gulabi Jagat
12 July 2022 4:03 PM GMT
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कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए 14 व 15 जुलाई को बंगलुरु में राज्यों के कृषि और बागवानी मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इसका आयोजन केंद्रीय कृषि मंत्रालय कर रहा है. ताकि कृषि क्षेत्र को लेकर केंद्र सरकार की मंशा से राज्यों को रूबरू करवाया जा सके. सम्मेलन के दौरान कई तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे. इनमें डिजिटल कृषि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती, एफपीओ, ई-नाम, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित नई तकनीक पर विशेषज्ञ जानकारी देंगे. सम्मेलन के जरिए यह कोशिश होगी कि राज्य सरकारें इन योजनाओं को अपनाकर खेती के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने में मदद करें.
सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, शोभा करंदलाजे और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. सम्मेलन के दौरान किसानों को कृषि उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त करने के लिए कृषि उत्पादों के व्यापार-मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ई-नाम के प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी) की शुरुआत करेंगे.
पीओपी का क्या होगा फायदा
केंद्र सरकार ने कृषि-उत्पाद मार्केटिंग में अगले स्तर की क्रांति की दिशा में ई-नाम के तहत पीओपी के माध्यम से सभी हितधारकों की भागीदारी के लिए एक नई पहल की है, जो भारतीय किसानों को अपने राज्य से बाहर अपनी उपज बेचने की सुविधा प्रदान करेगी. इससे कई बाजारों, खरीदारों, सेवा प्रदाताओं तक किसानों की डिजिटल रूप से पहुंच बढ़ेगी. मूल्य खोज तंत्र में सुधार होगा.
वन नेशन वन मार्केट है ई-नाम
पीओपी के रूप में ई-नाम एक कुशल और प्रभावी "वन नेशन वन मार्केट" इकोसिस्टम बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा. यह सम्मेलन 'आजादी का अमृत महोत्सव' के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में अगला कदम है. बता दें कि ई-नाम पर देश की 1000 मंडियां जुड़ी हुई हैं. बाकी को जोड़ने का काम चल रहा है.
राज्यों में खेती के विकास के लिए क्या खास हो रहा है?
सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों में कृषि और संबंधित क्षेत्र में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक अलग सत्र आयोजित होगा. यानी मंत्री अपने-अपने राज्यों में खेती-किसानी के विकास के लिए चलाई जा रही यूनिक योजनाओं की जानकारी देंगे. इन दिनों कई राज्य पीएम किसान योजना की तर्ज पर अपने किसानों को डायरेक्ट मदद दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना चल रही है. हरियाणा में छोटे किसानों का पीएम फसल बीमा योजना सरकार खुद भरने जा रही है. धान की खेती को हतोत्साहित करने के लिए इसे छोड़ने वालों को 7000 रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं. इन योजनाओं पर बातचीत संभव है.
Gulabi Jagat
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