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मराठवाड़ा में थमी बारिश के बाद तेज हुए कृषि कार्य

Tulsi Rao
27 Aug 2022 6:01 PM GMT
मराठवाड़ा में थमी बारिश के बाद तेज हुए कृषि कार्य
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मराठवाड़ा में थमी बारिश के बाद तेज हुए कृषि कार्य, कीटों के हमले को लेकर किसान चिंतित

मराठवाड़ा में थमी बारिश के बाद तेज हुए कृषि कार्य, कीटों के हमले को लेकर किसान चिंतित

महराष्ट्र के मराठवाड़ा में बारिश थमी है. जिसकी वजह से इन दिनों कृषि कार्यों मे तेज़ी देखी जा रही हैं. वही दूसरी ओर परभणी जिले में फसलों पर कीटों का भी प्रकोप बढ़ने का खतरा भी किसानों को सता रहा हैं.


महाराष्ट्र में खरीफ सीजन की शुरुआत से ही किसानों में चिंता बानी हुई हैं. पहले सीजन की शुरुआत में बारिश के कारण बुवाई में लगभग एक महीने की देरी हुई और फिर राज्य में बुवाई होते ही शुरू हुई भारी बारिश 15 अगस्त तक जारी रही. इसलिए खरीफ सीजन को लेकर संदेह जताया जा रहा हैं कि उत्पादन कैसे हो पायेगा. भारी बारिश और लगातार बारिश के कारण खरीफ सीजन की फसलों की वृद्धि न केवल प्रभावित हुई बल्कि राज्य में उत्पादन भी प्रभावित हुआ हैं. लेकिन, अब पिछले हफ्ते से हो रही बारिश के कारण कृषि कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है.

जिसके तहत जुताई के साथ-साथ फसलों में खाद व छिड़काव का कार्य जोरों पर चल रहा है. किसानों को उम्मीद है. कि अगर बारिश ऐसी राहत देती है, तो फसलें बढ़ेंगी और उत्पादन भी बढ़ेगा. मराठवाड़ा के परभणी जिले में भी अच्छी बारिश हो रही हैं एक तरफ विदर्भ में भारी बारिश से फसलों को नुकसान हो रहा हैं. वही मराठवाड़ा में किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

सोयाबीन की सबसे अधिक बुवाई

मराठवाड़ा में खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा सोयाबीन की बुवाई हुई है, इसके बाद कपास की बुवाई की गई हैं. लेकिन जैसे ही बुवाई हुई,वैसे ही बारिश ने सबकुछ तबाह कर दिया था. किसानों का कहना था कि बारिश में फसलें उगेंगी भी या नहीं, और फसलों की वृद्धि की तो बात ही छोड़िए सीजन की शुरुआत से ही खरीफ की फसल संकट में थी. बारिश में न केवल उत्पादन में गिरावट आएगी, बल्कि किसानों का खर्च भी बर्बाद हो जाएगा. वर्तमान में मराठवाड़ा में भले ही बारिश राहत दे रही हो. लेकिन यह देखना होगा कि यह उत्पादन वृद्धि को कितना प्रभावित करेगा.

फसलों पर कीटों का प्रकोप

महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश भले ही हल्की हो गई हो, लेकिन बादल छाए रहने के कारण फसल में कीटों और बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा हैं. सोयाबीन, कपास पर रोग के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए किसान कीट प्रबंधन के अनुसार छिड़काव करने में लगे हुए है. इसलिए विभिन्न रासायनिक खादों की खुराक दी जा रही है. सीजन की शुरुआत से ही फसल संकट में है, लेकिन अब बीच में उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

भारी बारिश से फसल हुई थी बर्बाद

मराठवाड़ा के परभणी जिले में, पालम और पूर्णा तालुका को छोड़कर, अन्य क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हुई है. इसलिए जुताई और फसल छिड़काव का काम जोरों पर चल रहा है. इसके अलावा किसानों का मानना है. कि अगर इसी तरह अच्छी बारिश जारी रही तो फसलों की वृद्धि भी जोरदार होगी, लेकिन जिले के पालम और पूर्णा तालुकों भारी बारिश के कारण किसानों की फसल पानी मे डूब गई. इसलिए किसानों की मांग है कि इस क्षेत्र की फसल पंचनामा हो और मुआवजा दिया जाए.

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