x
आपको किसी भी फसल के संबंध में कोई सही जानकारी लेनी है तो
आपको किसी भी फसल के संबंध में कोई सही जानकारी लेनी है तो अब कृषि अधिकारी के पास चलकर जाने की जरूरत नहीं. जानेमाने कृषि वैज्ञानिक अब आपसे सिर्फ एक कॉल की दूरी पर हैं. हम बात कर रहे हैं किसान कॉल सेंटर (KCC-Kisan Call Centre) की, जिस पर फोन करके आप फसलों से जुड़ी समस्यों का समाधान खोज सकते हैं. हाल ही में मोदी सरकार ने 14 किसान कॉल सेंटरों को बढ़ाकर 21 कर दिया है. किसी भी क्षेत्र का किसान इन पर फोन करके अपनी भाषा में जानकारी ले सकता है. इस सेंटर पर 22 भाषाओं में बात हो सकती है. तीन महीने में ही 10,91,237 किसानों ने फोन करके खेती की वैज्ञानिक सलाह ली है.
किसान कॉल सेंटर का टोल फ्री (Toll free) नंबर 1800-180-1551 है. यानी इस नंबर पर कॉल करने का कोई चार्ज नहीं लगता. इन 21 सेंटरों में बैठे एक्सपर्ट बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट, मधुमक्खी पालन, रेशम उत्पादन, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर बिजनेस और जैव प्रौद्योगिकी में स्नातक, पीजी और डॉक्टरेट हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक पिछले तीन साल में इन वैज्ञानिकों ने 1,74,67,074 किसानों को सलाह दी है. इसे शुरू करने का उद्देश्य किसानों (Farmers) की समस्या को दूर कर उनकी आमदनी में वृद्धि करना है.
किसान कॉल सेंटर के लाभ
-कोई भी किसान किसी भी दिन सुबह 6:00 बजे से लेकर रात के 10:00 बजे के बीच किसान कॉल सेंटर के नंबर पर कॉल कर सकता है.
-यदि किसानों को फसलों (Crop) एवं बीज (Seed) संबंधी किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इस सेंटर पर फोन करके मदद लें.
-खादों और कीटनाशकों की मात्रा के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं. बागवानी, पशु चिकित्सा एवं कृषि उत्पादों की कीमतों के बारे में भी मदद मिलेगी.
-हिंदी, मराठी, गुजराती, तेलगु, भोजपुरी, छत्तीसगढ़ी, तामिल और मलयालम सहित 22 भाषाओं में आप जानकारी ले सकते हैं.
-अगर कॉल तुरंत रिसीव नहीं होती है तो किसान को बाद में किसान कॉल सेंटर से कॉल की जाती है. किसान कॉल सेंटर में रजिस्ट्रेशन करने पर किसानों को टेक्स्ट मैसेज या वाइस मैसेज भी भेजा जाता है.
Next Story