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कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एग्रीकल्चर एडवाइजरी, किसानों को मिलेगी मदद

Gulabi
16 Sep 2021 11:35 AM GMT
कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एग्रीकल्चर एडवाइजरी, किसानों को मिलेगी मदद
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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने नई एग्रीकल्चर एडवाइजरी जारी की है

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने नई एग्रीकल्चर एडवाइजरी (Agriculture Advisory) जारी की है. कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि आने वाले पांच दिनों में बारिश की संभावना को देखेते हुये सभी सब्जियों, दलहनी फसलों, मक्का तथा पौधशाला में जल निकास का उचित प्रबंध करें. साथ ही सभी फसलों में किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें. इस मौसम में अगेती मटर की बुवाई करने की सलाह दी गई है.

इसकी उन्नत किस्में-पूसा प्रगति एवं पूसा श्री को बताया गया है. बीजों (Seed) को कवकनाशी केप्टान या थायरम @ 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से मिलाकर उपचार करें. उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगाएं. गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करके सूखने के लिए किसी छायेदार स्थान में रख दें. इसके बाद अगले दिन बुवाई करें.
सरसों की इन किस्मों की सलाह
सरसों (Mustard) की अगेती बुवाई के लिए पूसा सरसों-25, पूसा सरसों-26, पूसा सरसों 28, पूसा अगर्णी, पूसा तारक, पूसा महक आदि के बीज की व्यवस्था करें तथा खेतों को तैयार करें. इस मौसम में किसान गाजर की बुवाई मेड़ो पर कर सकते हैं. उन्नत किस्म पूसा रूधिरा है. बीज दर 4.0 किग्रा प्रति एकड़ डालें. बुवाई से पूर्व बीज को केप्टान @ 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें. खेत में देसी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें.
सब्जियों की फसल के लिए सलाह
इस मौसम में फसलों व सब्जियों में दीमक का प्रकोप होने की संभावना रहती है. इसलिए किसान फसलों की निगरानी करें. यदि प्रकोप दिखाई दे तो क्लोरपाइरीफास 20 ईसी@4.0 मिली/लीटर सिंचाई जल के साथ दें. इस मौसम में किसान अपने खेतों की नियमित निगरानी करें. यदि फसलों व सब्जियों में सफेद मक्खी या चूसक कीटों का प्रकोप दिखाई दें तो इमिडाक्लोप्रिड दवाई 1.0 मिली/3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें.
बदरा रोग पर निगरानी रखें
इस मौसम में किसान धान के ब्लास्ट (बदरा) रोग का आक्रमण होने की निगरानी हर 2 से 3 दिन के अंतराल पर करें. इस रोग का सूचक है पत्तियों में एक छोटी आंख जैसा धब्बा, जिसका अंदर का भाग हल्का भूरा और बाहर गहरे भूरे रंग का होता है. आगे जाकर अनेक धब्बे मिलकर एक बड़ा धब्बा बन जाता है.
इस मौसम में धान (पूसा सुगन्ध-2511) में आभासी कंड (False Smut) आने की काफी संभावना है. इस बीमारी के आने से धान के दाने आकार में फूल जाते हैं. इसकी रोकथाम के लिए ब्लाइटोक्स 50 की 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से आवश्यकता अनुसार पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें.
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