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कृषि वैज्ञानिक ने बताया परवल की खेती से ज्यादा कमाई के लिए किसान क्या करें?

Gulabi
6 Aug 2021 9:53 AM GMT
कृषि वैज्ञानिक ने बताया परवल की खेती से ज्यादा कमाई के लिए किसान क्या करें?
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परवल की उपज एक वर्ष में 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से होती है

परवल की उपज एक वर्ष में 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से होती है. पर ये बोने के तरीके पर निर्भर है. यदि अच्छे तरिके से पौधों का ध्यान रखा जाये तो लगभग 4 साल तक 150 से 190 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से उपज प्राप्त होती है. परवल का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है. परवल भारत में बहुत ही प्रचलित सब्जी है. आज के समय में किसान परवल की खेती करके काफी मुनाफा कमा रहे हैं आप भी परवल की खेती करके आसानी से हजारों लाखों कमा सकते हैं. साधारण तौर पर परवल की खेती वर्ष भर की जाती है.ये बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य तौर पर उगाई जाती है और राजस्थानएमध्य प्रदेश, गुजरात, आसामऔरमहाराष्टमें भी ये कुछ बागानों में उगाई जाती है. परवल में विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसकी मांग भी बाजार में अधिक है और आइये जानते है परवल की खेती कैसे करें. आइए जानें इसके बारे में…

परवल की खेती गर्म एवं तर जलवायु वाले क्षेत्रो में अच्छी तरह से की जाती है इसको ठन्डे क्षेत्रो में न के बराबर उगाया जाता है किन्तु उचित जल निकास वाली जीवांशयुक्त रेतीली या दोमट भूमि इसके लिए सर्वोत्तम मानी गई है चूँकि इसकी लताएँ पानी के रुकाव को सहननही कर पाती है अतरू ऊंचेस्थानों पर जहाँ जल निकास कि उचित व्यवस्था हो वहीँ पर इसकी खेती करनी चाहिए.
कृषि वैज्ञानिक ने दी अहम जानकारी
बरसात में परवल में फल, लत्तर और जड़ सडन रोग कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है.इसका प्रमुख कारण वातावरण में नमी का ज्यादा होना प्रमुख है.
फय्तोफ्थोरा मेलोनिस (Phytophthora melonis) के कारण परवल (Trichosanthes dioica) के फल, लत्तर और जड़ के सड़न की बीमारी होती है, जो देश के प्रमुख परवल उगाने वाले सभी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होती है.
इस रोग की गंभीरता लगभग सभी परवल उत्पादक क्षेत्रो में देखने को मिलता है . किसान आजकल सबसे अधिक परेशान है उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है. बरसाल के कारण किसान इस वक्त सबसे अधिक नुकसान सहने को मजबूर हैं
डाक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्व विद्याल के वैज्ञानिक डाक्टर एस के सिंह ने TV9 हिंदी को बताया कि इस मौसम सबसे अधिक किसानों को बार बार फोन आता है परवल के खेती बर्बाद हो रही है कैसे बचाएं.
इस मौसम में खेतों में ज्यादा नमी के कारण कई तरह की बीमारी हो रही है, किसान मजबूरी में जानवरों को खिला देते हैं. हजारों रुपये की फसल हरेक दिन बर्बाद हो रही है
यह रोग खेत में खड़ी फसल में तो देखने को मिलता ही है इसके अलावा यह रोग जब फल तोड़ लेते है तभी देखने को मिलता है.
फलों पर गीले गहरे रंग के धब्बे बनते हैं, ये धब्बे बढ़कर फल को सड़ा देते हैं तथा इन सड़े फलों से बदबू आने लगती है जो फल जमीन से सटे होते है, वे ज्यादा रोगग्रस्त होते हैं. सड़े फल पर रुई जैसा कवक दिखाई पड़ता है.
नमी से बचाने की व्यवस्था करें
इसके नियंत्रण के लिए फलों को जमीन के सम्पर्क में नहीं आने देना चाहिए. इसके लिए जमीन पर पुआल या सरकंडा को बिछा देना चाहिए.
डा एस के सिंह बताते हैं कि इस बीमारी से परवल को बचाने के लिए रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल करें.फफुंदनाशक जिसमे रीडोमिल एवं मैंकोजेब मिला हो यथा राइडोमिल गोल्ड @ 2ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने एवं इसी घोल से परवल के आसपास की मिट्टी को खूब अच्छी तरह से भीगा देने से रोग की बढोत्तरी में कमी आएगी. ध्यान देने योग्य बात यह है कि दवा छिड़काव के 10 दिन के बाद ही परवल के फलो की तुड़ाई करनी चाहिए. दवा छिडकाव करने से पूर्व सभी तुड़ाई योग्य फलों को तोड़ लेना चाहिए . मौसम पूर्वानुमान के बाद ही दवा छिडकाव का कार्यक्रम निर्धारित करना चाहिए क्योंकि यदि दवा छिडकाव के तुरंत बाद बरसात हो जाने पर किसानों लाभ नही मिलता है. किसान सावधानी से छिड़काव करें और अपने फसल को बचाएं.
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