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AGR मामला: सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन आइडिया ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका, जानें पूरा मामला

Deepa Sahu
11 Aug 2021 10:19 AM GMT
AGR मामला: सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन आइडिया ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका, जानें पूरा मामला
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घाटे और कर्ज से गुजर रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।

घाटे और कर्ज से गुजर रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। टेलीकॉम कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से उसके 23 जुलाई के आदेश पर पुर्नविचार करने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार, एयरटेल भी राहत के लिए अदालत का रुख कर सकती है।

23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी दूरसंचार कंपनियों की याचिका
23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित टेलीकॉम कंपनियों द्वारा देय एजीआर संबंधित बकाया भविष्य की किसी मुकदमेबाजी का विषय नहीं हो सकता है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने एजीआर की गणना में कथित त्रुटियों को सुधारने की मांग करने वाली दूरसंचार कंपनियों की याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही थी।
वोडाफोन आइडिया पर 1.80 लाख करोड़ बकाया
वोडाफोन आइडिया पर एजीआर, स्पेक्ट्रम, कर्ज और शुल्क आदि मिलाकर कुल 1.80 लाख करोड़ बकाया है, जबकि उसकी बाजार पूंजी 20 हजार करोड़ के आसपास है। ऐसे में कंपनी के लिए बिना निवेश के बकाया चुकाना और कारोबार जारी रखना बेहद मुश्किल होगा।
निवेश के लिए तरस रही कंपनी
ब्रिटिश फर्म वोडाफोन समूह के सीईओ निक रीड ने 23 जुलाई को ही स्पष्ट कर दिया था कि अब वे भारतीय ज्वाइंट वेंचर (वोडा आइडिया) में एक भी रुपये का निवेश नहीं करेंगे। हाल ही में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कर्ज के दलदल में फंसी वोडाफोन आइडिया के गैर कार्यकारी निदेशक व गैर कार्यकारी चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। कंपनी के निदेशक मंडल ने उनका आग्रह मंजूर करते हुए इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
दूरसंचार विभाग और कंपनियों की गणना में बड़ा अंतर
दूरसंचार विभाग द्वारा गणना की गई राशि और कंपनियों द्वारा स्व-मूल्यांकन के बीच बहुत बड़ा अंतर है। दूरसंचार विभाग के अनुसार, भारती एयरटेल का बकाया 43,980 करोड़ रुपये है, जबकि कंपनी के अनुसार यह 13,004 करोड़ रुपये है। वोडाफोन आइडिया के मामले में, दूरसंचार विभाग की संख्या 58,254 करोड़ रुपये है, जबकि कंपनी के अनुसार यह राशि 21,533 करोड़ रुपये है। इसी तरह, टाटा टेलीसर्विसेज के लिए, विभाग के अनुसार कंपनी पर `16,798 करोड़ रुपये बकाया है जबकि कंपनी के मुताबिक 2197 करोड़ रुपये। उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 93,520 करोड़ रुपये के एजीआर बकाया राशि का भुगतान करने के लिए 10 साल का वक्त दिया है।


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