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SEBI की चेतावनी के बाद NSE ने डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर रोक लगाई, जानिए क्या हैं मामला

Renuka Sahu
26 Aug 2021 2:46 AM GMT
SEBI की चेतावनी के बाद NSE ने डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर रोक लगाई, जानिए क्या हैं मामला
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फाइल फोटो 

अगर आप भी डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं तो ये खबर ध्यान से पढ़ लीजिए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप भी डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं तो ये खबर ध्यान से पढ़ लीजिए. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के जो भी ब्रोकर्स अपने क्लाइंट्स डिजिटल गोल्ड बेच रहे थे अब वो ऐसा नहीं कर पाएंगे. NSE ने अपने सभी सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे 10 सितंबर तक अपने प्लेटफार्म के जरिए डिजिटल गोल्ड की हो रही बिक्री को बंद कर दें.

SEBI ने दिया था निर्देश
दरअसल NSE का निर्देश मार्केट रेगुलेटर सेबी के इस बयान के बाद आया है कि कुछ सदस्य अपने प्लेटफार्म के जरिए अपने ग्राहकों को डिजिटल गोल्ड की खरीद बिक्री की सुविधा दे रहे हैं. इस संबंध में SEBI ने 3 अगस्त को एक चिट्ठी जारी की थी, जिसमें लिखा था कि इस तरह की गतिविधि सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स (SCRR), 1957 के खिलाफ है. इसलिए NSE के सदस्यों को इस तरह की गतिविधि से दूर रहना चाहिए.
क्या है SCRR नियम
बता दें कि SCRR नियमों के तहत एक्सचेंज के सभी सदस्यों को सिक्युरिटीज (securities) और कमोडिटी डेरीवेटिव्स (commodity derivatives) के अलावा कोई और कारोबार नहीं करना चाहिए. अगर वे ऐसा करते हैं तो ये नियमों का उल्लंघन होगा. इस नियम के आधार पर एनएसई ने अपने सदस्यों को अपने प्लेटफार्म पर डिजिटल गोल्ड का कारोबार बंद करने के निर्देश दिए हैं.
NSE ने ब्रोकर्स से क्या कहा
NSE ने अपने सदस्यों से कहा है कि वो इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने से बचें और सेबी के नियमों का पालन करें. जो भी सदस्य इस तरह की गतिविधि में शामिल हैं, वो सर्कुलर जारी होने के एक महीने के भीतर वो इन गतिविधियों को रोक दें और अपने सभी क्लाइंट्स को इस बारे में सूचित करें. NSE ने ये सर्कुलर 10 अगस्त को जारी किया था.
TradeSmart के चेयरमैन विजय सिंघानिया का कहना है कि डिजिटल गोल्ड यूनिट किसी रेग्यूलेटेड संस्था की तरफ से नहीं जारी की जाती है. डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड का सपोर्ट है कि नहीं, इसकी जांच करने का कोई तरीका नहीं है. टाइटन जैसी ज्वेलरी कंपनियां और कुछ बैंक्स डिजिटल गोल्ड बेचते हैं. डिजिटल गोल्ड Securities Contract (Regulations) Act 1956 के तहत सिक्योरिटीज के दायरे में नहीं आता है, इसलिए जो भी मेंबर्स इसे बेच रहे हैं उन्हें ऐसा करने से रोकने के निर्देश दिए गये हैं.
Motilal Oswal कमोडिटीज के किशोर नार्ने का कहना है कि हम MMTC-PAMP के डिजिटल गोल्ड प्रोडक्ट की बिक्री करते थे. एक्सचेंज के हालिया निर्देश के बाद हम इन प्रोडक्ट्स की बिक्री नहीं करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि MMTC-PAMP इन प्रोडक्ट्स का ओनर बना रहेगा और ग्राहकों की तरफ से सभी होल्डिंग उसके पास रहेंगी. MMTC-PAMP सभी ग्राहकों को रिडेम्प्शन और सेल-बैक (sell-back) सुविधा देगा.


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