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भारतीय रिजर्व बैंक ने HDFC के बाद अब मास्टरकार्ड पर की बड़ी कार्रवाई, नए ग्राहक जोड़ने पर लगाई रोक

Gulabi
14 July 2021 3:40 PM GMT
भारतीय रिजर्व बैंक ने HDFC के बाद अब मास्टरकार्ड पर की बड़ी कार्रवाई, नए ग्राहक जोड़ने पर लगाई रोक
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मास्टरकार्ड पर की बड़ी कार्रवाई

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज एक अहम फैसले में कहा है कि उसने गैर-अनुपालन का हवाला देते हुए मास्टरकार्ड पर कार्रवाई की है. आरबीआई ने कहा कि काफी समय दिए जाने के बावजूद, एंटाईटी को स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम डेटा के निर्देशों का अनुपालन नहीं करते पाया गया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि, कार्रवाई के हिस्से के रूप में, आरबीआई ने मास्टरकार्ड एशिया / पैसिफिक पीटीई पर प्रतिबंध लगाया है. 22 जुलाई, 2021 से नए घरेलू ग्राहकों (डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड) को अपने कार्ड नेटवर्क में शामिल नहीं कर पाएगा.

आरबीआई ने कहा कि, यह आदेश मास्टरकार्ड के मौजूदा ग्राहकों को प्रभावित नहीं करेगा. मास्टरकार्ड सभी कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकों को इन निर्देशों का पालन करने की सलाह देगा. आरबीआई ने कहा कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) की धारा 17 के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्रवाई की गई है.
मास्टरकार्ड एक भुगतान प्रणाली ऑपरेटर है जो देश में कार्ड नेटवर्क संचालित करने के लिए अधिकृत है. 6 अप्रैल, 2018 को भुगतान प्रणाली डेटा के भंडारण पर आरबीआई के परिपत्र के अनुसार, सभी सिस्टम प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया था कि छह महीने की अवधि के भीतर उनके द्वारा संचालित भुगतान प्रणाली से संबंधित संपूर्ण डे केवल भारत में एक प्रणाली में संग्रहीत किया जाता है.
इस साल अप्रैल में, आरबीआई ने अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड पर 1 मई, 2021 से अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों को शामिल करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम डेटा का पालन न करने का हवाला दिया गया था. इस आदेश का मौजूदा ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
बता दें कि, अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कार्पोरेशन और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) के तहत देश में कार्ड नेटवर्क संचालित करने के लिए अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटर हैं. 6 अप्रैल, 2018 को आरबीआई ने कहा कि उसने देखा है कि सभी सिस्टम प्रोवाइडर्स भारत में भुगतान डेटा स्टोर नहीं करते हैं. हाल के दिनों में, देश में पेमेंट इकोसिस्टम में काफी वृद्धि हुई है.
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