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इसे गिनने में 10 घंटे का समय लगा है. ये जानकारी भारत एजेंसी के मैनेजर महाविकरांत ने दी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बूंद-बूंद से घड़ा भरने वाली कहावत तो आपने सुनी होगी, लेकिन आज आप इसे चरितार्थ होते हुए भी देख लीजिए. तमिलनाडु के सालेम में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां के निवासी वी बूबाथी ने पाई-पाई जोड़ कर अपनी पसंदीदा बाइक बजाज डॉमिनार 400 खरीदी है. यहां पाई-पाई से हमारा मतलब कुछ और है.. असल में बूबाथी ने 3 साल तक रोजाना 1 रुपये के सिक्के जोड़े और इस बाइक को खरीदा, मजेदार बात तो तब शुरू हुई जब डीलरशिप ने इनके सिक्कों की गिनती शुरू की. 1 रुपये के इतने सिक्के थे कि डीलरशिप को इसे गिनने में 10 घंटे का समय लगा है. ये जानकारी भारत एजेंसी के मैनेजर महाविकरांत ने दी है.
सिक्कों से पूरा किया सपना
बूबाथी बीसीए से ग्रेजुएट हैं और 4 साल पहले अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने से पहले वो एक प्राइवेट कंपनी में कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करते थे. तीन साल पहले उन्होंने बजाज डॉमिनार 400 खरीदने का सपना देखा था, लेकिन उस समय बाइक 2 लाख रुपये की थी और इनके पास उतने पैसे नहीं थे. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल के जरिए मिलने वाली रकम में से एक-एक रुपये के सिक्के जमा करने शुरू किए ताकि अपना सपना पूरा कर सकें. बूबाथी ने कहा, "मैंने करीब तीन साल तक मंदिर, होटल्स, यहां तक कि चाय की दुकान से नोट के बदले सिक्के लिए."
कीमत बढ़ने की नहीं थी जानकारी
उन्हें बाइक खरीदने से ठीक पहले पता चला कि बजाज डॉमिनार 400 की ऑनरोड कीमत 2.6 लाख रुपये तक जा रही है. तब उन्होंने अपने जमा किए सिक्कों को गिनना शुरू किया और किस्मत से ये रकम उनका सपना पूरा करने के लिए पर्याप्त निकली. वो ये रकम लेकर भारत एजेंसी के मैनेजर महाविकरांत के पास पहुंचे और बाइक की कीमत सिक्कों में चुकाने की बात कही. शुरुआत में मैनेजर ने मना किया और कहा कि 2 हजार रुपये का नोट होने पर 1 लाख रुपये गिनने का बैंक 140 रुपये कमीशन चार्ज करता है, लेकिन बाद में उन्होंने बूबाथी का सपना पूरा होता देख इसकी अनुमति दे दी.
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