व्यापार

यूज्ड कार खरीदने के बाद झटपट कर लें ये काम, वरना हो सकती है परेशानी

Subhi
27 Aug 2022 4:17 AM GMT
यूज्ड कार खरीदने के बाद झटपट कर लें ये काम, वरना हो सकती है परेशानी
x
हममें में बहुत से लोग गाड़ियों का शौक पूरा करने के लिए यूज्ड कार यानी कि सेकेंड हैंड कार को खरीदते हैं। इसमें नई गाड़ियों की तरह ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ती है, लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि इस तरह की गाड़ियों को खरीदने के बाद भी आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वरना आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

हममें में बहुत से लोग गाड़ियों का शौक पूरा करने के लिए यूज्ड कार यानी कि सेकेंड हैंड कार को खरीदते हैं। इसमें नई गाड़ियों की तरह ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ती है, लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि इस तरह की गाड़ियों को खरीदने के बाद भी आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वरना आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

सबसे पहले कर दें बीमा

अगर आप एक यूज्ड कार खरीदते हैं, तो सड़क पर उतारने से पहले बीमा करवा लें। कार चाहे पुरानी हो या नई कार को बीमा कराना बहुत जरूरी है। सड़क पर दुर्घटना होने के बाद बीमा कार के नुकसान को कवर करता है। साथ ही यह थर्ड पार्टी को हुए नुकसान को भी कवर करता है।

नाम ट्रांसफर जरूर करें

अगर आप एक यूज्ड कार को खरीदते हैं तो जल्द से जल्द अपना नाम ट्रांसफर कर लें। यह आपके उस कार के मालिक होने का सबूत है। साथ ही लीगल तरीके से नाम ट्रांसफर होने की वजह से अगर खरीददार कार का असली मालिक नहीं है तो इसका पता चल सकता है और आपको सावधान होने की जरूरत है। इसके लिए DMV से संपर्क करना होता है।

कार का रजिस्टर्ड होना है जरूरी

एक बार कार खरीदने के बाद, उसे जल्द ही डीएमवी के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए। अगर आप डीलर से कार को खरीदते हैं तो यह काम आपका डीलर करता है। हालांकि, निजी विक्रेता से कार को खरीदने पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए डीएमवी के सामने आपको इससे संबंधित दस्तावेजों को उपलब्ध कराने पड़ते हैं। इसके लिए आपको बिक्री का बिल, पिछले मालिक द्वारा हस्ताक्षर किए हुए कागजात, VIN, बीमा का प्रमाण और ओडोमीटर रीडिंग जैसे चीजों की जरूरत होती है।

एक्स्टेंडेड वारंटी पर रखें नजर

इस्तेमाल की गई कार रीदते समय इसके एक्स्टेंडेड वारंटी पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर कार में पहले से कोई वारंटी है तो इसके बारे में पहले ही विक्रेता से पता कर लें। वहीं, अगर नहीं है तो कार की नई वारंटी सर्विस पर भी विचार कर सकते हैं। वारंटी के लिए बजार में कई अलग-अलग विकल्प उपलब्ध हैं जो महंगी मरम्मत से लेकर बम्पर-टू-बम्पर तक की कवरेज तक देते हैं।


Next Story