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राज्य सरकार ने फसल नुकसान का आकलन करने के बाद 10000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता राशि की जारी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क ;- इस साल महाराष्ट्र में भारी बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. आम तौर पर सूखाग्रस्त माने जाने वाले मराठवाड़ा के इलाके में जबरदस्त वर्षा के कारण किसानों की ज्यादातर फसल तबाह हो गई है. राज्य सरकार ने नुकसान का आकलन करने के बाद 10000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता राशि जारी की है. लेकिन किसान इससे नाखुश हैं.औरंगाबाद के किसान संगठनों का कहना है कि सिर्फ मराठवाड़ा क्षेत्र में ही भारी नुकसान हुआ है. 10000 करोड़ रुपए की सहायता राशि क्षति की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं है.
'कॉन्ट्रैक्ट पर खेती करने वाले किसानों को नहीं मिलेगा लाभ-
महाराष्ट्र किसान सभा के राजन क्षीरसागर ने कहा कि हाल के समय में राज्य सरकार की तरफ से बारिश प्रभावित पश्चिमी महाराष्ट्र को मराठवाड़ा के मुकाबले अधिक मदद मिली है. यहां के किसान प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 40000 रुपए की सहायता राशि की उम्मीद कर रहे हैं. साथ ही साथ किसान बिजली बिल माफी भी चाहते हैं, लेकिन सरकार ने अपर्याप्त मदद की घोषणा की है.वहीं कॉन्ट्रैक्ट पर खेती करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से जारी की गई राशि से कोई लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर खेती करने वाले किसानों के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए था. लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया है. ऐसे में बारिश प्रभावित करीब 50 प्रतिशत ग्रामीणों को आर्थिक सहायता का लाभ नहीं मिलेगा.
पंचनामा में वास्तविक आकलन का जिक्र नहीं-
अन्नदाता किसान संगठन के एक किसान जयाजी सूर्यवंशी की पूरी फसल अतिवृष्टि के कारण बर्बाद हो गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि पंचनामा की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं की गई है. उसमें नुकसान का आकलन भी ठीक तरह से नहीं दिखाया गया है. इससे बारिश प्रभावित किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा.उन्होंने कहा कि पूरे मराठवाड़ा में हुए पंचनामा में नुकसान का वास्तविक आकलन नहीं किया गया है. बारिश के कारण 44000 गांव प्रभावित हुए हैं. लेकिन सरकार की तरफ से किसानों की मदद के लिए पर्याप्त राशि जारी नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि किसान संगठन सरकार से अधिक सहायता राशि की मांग के साथ प्रदर्शन करेंगे.
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