विज्ञापन देने वाली कंपनियों ने फर्जी TRP का कारोबार चलाने वाले चैनलों पर लिया एक्शन, बजाज ऑटो ने भी बंद किया एडवर्टाइजिंग
हम ब्रांड की बिल्डिंग के बिजनेस में हैं
बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने कहा कि हम ब्रांड की बिल्डिंग के बिजनेस में हैं और हमारा एक मजबूत ब्रांड का फाउंडेशन है जिस पर हमने मजबूत बिजनेस को खड़ा किया है। अंत में हमारा उद्देश्य केवल एक मजबूत और सॉलिड बिजनेस का ही नहीं होता है, बल्कि इसके जरिए सोसाइटी को भी कुछ देना होता है। बजाज के रूप में, हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि हमारा ब्रांड कभी भी उन ब्रांड या किसी संस्थान के साथ एसोसिएट नहीं हो सकता है, जिनके बारे में कोई संदेह है।
रिपब्लिक के साथ दो और चैनल हैं
बता दें कि मुंबई पुलिस ने फर्जी टीआरपी के मामले में रिपब्लिक चैनल के साथ फक्त मराठी और बाक्स सिनेमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि शनिवार को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने रिपब्लिक चैनल के सीएफओ को पूछताछ के लिए बुलाया है। इसी के बाद बजाज ऑटो ने यह फैसला लिया है।
मुंबई पुलिस की जांच जारी है
मुंबई पुलिस आयुक्त (कमिश्नर) परमबीर सिंह ने कहा कि हमारी जांच रिपब्लिक टीवी के खिलाफ चल रही है और चैनल के डायरेक्टर और प्रमोटर्स इस मामले में शामिल हैं। बता दें कि चैनलों के मामले में टीआरपी को देख कर ही कंपनियां एडवर्टाइजिंग देने का निर्णय लेती हैं। इसलिए जिसकी जितनी ज्यादा टीआरपी होगी, उसे उतना ज्यादा रेवेन्यू एडवर्टाइजिंग के रूप में मिलता है। यही कारण है कि चैनल टीआरपी के चक्कर में इस तरह का काम करते हैं।
कुछ और कंपनियां कर सकती हैं विज्ञापन बंद
वैसे माना जा रहा है कि आनेवाले समय में कुछ और कंपनियां इन चैनलों के विज्ञापन से अपने हाथ खींच सकती हैं। हालांकि अभी इस पर कई कंपनियां काम कर रही हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक यह टीआरपी का गोरखधंधा 30 से 40 हजार करोड़ रुपए का है। अगर मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई सही होती है तो आनेवाले समय में इन कंपनियों को अपने एडवर्टाइजिंग के एक बड़े रेवेन्यू के हिस्से से हाथ धोना पड़ सकता है।