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53% बढ़ा एडवांस टैक्स कलेक्शन, डायरेक्ट टैक्स में 61% की बढ़त, अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत हुए मजबूत

Gulabi
18 Dec 2021 12:17 PM GMT
53% बढ़ा एडवांस टैक्स कलेक्शन, डायरेक्ट टैक्स में 61% की बढ़त, अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत हुए मजबूत
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अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत हुए मजबूत
अर्थव्यवस्था की रिकवरी लगातार मजबूत हो रही है. अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम आंकड़ों में इसके संकेत मिल रहे हैं. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी किस्त के लिये एडवांस टैक्स कलेक्शन 53.5 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 60 प्रतिशत से अधिक की गति से बढ़ा है.
जानिये क्या रहे कलेक्शन के आंकड़े
वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही के लिए 16 दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक कुल एडवांस टैक्स कलेक्शन 4.59 लाख करोड़ रुपए रहा है जबकि वित्तीय वर्ष यानी 2020-21की इसी अवधि के लिए यह करीब 3 लाख करोड़ रुपये था. जो कि लगभग 53 प्रतिशत की ग्रोथ है. वहीं 16 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के लिये नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले साल की इसी अवधि तक 5.87 लाख करोड़ रुपये था. इस रकम में 5.15 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेशन टैक्स और एसटीटी सहित 4.29 लाख करोड़ रुपये का आयकर है. वहीं रिफंड को एडजस्ट करने से पहले ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 10.8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है जो कि एक साल पहले 7.33 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर था. 2019-20 में ग्रॉस कलेक्शन 8.34 लाख करोड़ रुपये और 2018-19 में ग्रॉस कलेक्शन 7.96 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर था. 10.8 लाख करोड़ रुपये के ग्रॉस कलेक्शन में कॉर्पोरेशन टैक्स का हिस्सा 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का था. 2021-22 के दौरान 1.35 लाख करोड़ रुपये के रिफंड भी जारी किये गये हैं.
अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत हुए मजबूत
बेहतर टैक्स कलेक्शन के साथ ही रिकवरी और मजबूत हो गयी है. इस महीने आये आंकड़ों के मुताबिक अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाले 22 हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर में से 19 कोविड से पहले के स्तर से भी ऊपर पहुंच चुके हैं. वॉल्यूम के आधार पर ई वे बिल, सामान का एक्सपोर्ट, कोयले का उत्पादन और रेलवे के द्वारा सामान का आवागमन.कोविड के पहले के स्तर को भी पार कर चुके हैं. आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन साल 2019 के स्तर के मुकाबले 157 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं यूपीआई वॉल्यूम करीब 4 गुना बढ़ा है. आयात और निर्यात में भी बढ़त देखने को मिली है. वहीं ई-वे बिल वॉल्यूम अक्टूबर में कोविड से पहले के स्तर के मुकाबले दोगुना हो गया. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि फर्टिलाइजर की बिक्री, बिजली की खपत, ट्रैक्टर बिक्री, सीमेंट का उत्पादन, बंदरगाहों पर माल ढुलाई, ईंधन की खपत, हवाई मार्ग से माल ढुलाई, आईआईपी और कोर सेक्टर सभी कोविड से पहले की स्थिति से ऊपर पहुंच गये हैं। वहीं उन्होने जानकारी दी कि फिलहाल स्टील की खपत, ऑटो सेक्टर की बिक्री और हवाई यात्रियों की संख्या ही कोविड से पहले के स्तर से नीचे हैं.
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