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Adani के आइपीओ का साइज हुआ छोटा, अब बाजार से रकम जुटाने की योजना
Bhumika Sahu
15 Jan 2022 4:29 AM GMT
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एडब्ल्यूएल अहमदाबाद स्थित अडाणी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह की संयुक्त उद्यम कंपनी है। दोनों की इसमें हिस्सेदारी 5050 है। आईपीओ के तहत अब 3600 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का एक ताजा निर्गम शामिल होगा और कोई बिक्री पेशकश नहीं होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खाद्य तेल कंपनी अडाणी विल्मर लिमिटेड (एडब्ल्यूएल) ने अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के आकार को 4,500 करोड़ रुपये से घटाकर 3,600 करोड़ रुपये कर दिया है। एक बयान के मुताबिक फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्य तेल बेचने वाली कंपनी Adani Wilmar का आईपीओ इस महीने आने की उम्मीद है।
एडब्ल्यूएल, अहमदाबाद स्थित अडाणी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह की संयुक्त उद्यम कंपनी है। दोनों की इसमें हिस्सेदारी 50:50 है। आईपीओ के तहत अब 3,600 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का एक ताजा निर्गम शामिल होगा और कोई बिक्री पेशकश नहीं होगी। इससे पहले विवरण पुस्तिका (रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) के मुताबिक आईपीओ के तहत 4,500 करोड़ रुपये जुटाने थे।
आईपीओ से मिली राशि में से 1,900 करोड़ रुपये का इस्तेमाल पूंजीगत व्यय के लिए किया जाएगा। कर्ज चुकाने के लिए 1,100 करोड़ रुपये और रणनीतिक अधिग्रहण और निवेश के वित्तपोषण के लिए 500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल होगा। इस बारे में पुष्टि करने के लिए संपर्क करने पर कंपनी के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
दूसरी तरफ सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाले जेएसडब्ल्यू समूह की बंदरगाह विकास इकाई ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से बांड के माध्यम से 40 करोड़ डॉलर जुटाने की घोषणा की। जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा निर्गम से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों के मौजूदा कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार बांड बाजारों में कंपनी का पहला निर्गम है।
इसमें कहा गया है कि सात साल के बांड को शुरुआती अनुमान के साथ 5.25 प्रतिशत ब्याज के साथ जारी किया गया था, लेकिन कंपनी 4.95 प्रतिशत पर अंतिम मूल्य प्राप्त करने में सफल रही। कंपनी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी ललित सिंघवी ने बताया कि बांड वित्तपोषण के स्रोतों को और विविधता देगा और मजबूत करेगा।
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