दिल्ली: हिंडनबर्ग (Hindenburg) रिपोर्ट आने के बाद विवादों में घिरे Gautam Adani की कंपनी लगातार अपने ऊपर के कर्ज को कम करने का काम कर रही है। अडानी ग्रुप ने बैंकों के एक समूह को अगले महीने 500 मिलियन डॉलर (41,31,40,00,000) का समय से पहले कर्ज चुकाने का फैसला किया है, क्योंकि भारतीय ग्रुप शॉर्ट सेलर हमले के बाद अपने वित्त को मजबूत करना चाहता है। बार्कलेज पीएलसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी और ड्यूश बैंक एजी उन बैंकों में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल होल्सिम लिमिटेड की सीमेंट संपत्ति की खरीद के लिए अडानी ग्रुप को 4.5 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया था। उस कर्ज का एक हिस्सा 9 मार्च को देना है।
अडानी के प्रवक्ता ने कहा कि हम बैंक (Bank) के साथ चर्चा में हैं, उनके लोन के एक हिस्से को समय से पहले खत्म करने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि इस पर अभी बैंकों से चर्चा शुरू नहीं हुई है। गौर करने वाली बात है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों के शेयर बुरी तरह से गिर गए हैं, जिससे अडानी टोटल गैस, अडानी इंटरप्राइजेस, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी के शेयर में 117 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। लोगों की भारी बिकवाली के चलते शेयर के दामों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी।
money laundering के जरिए पैसों की चोरी
हिंडनबर्ग की रिसर्च में आरोप लगाया गया है कि फर्जी कंपनियों के जरिए अडानी ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लोगों के पैसों की चोरी की है। हालांकि अडानी ग्रुप की ओर से इस रिपोर्ट को फर्जी और झूठा बताया गया है। कंपनी की ओर से कानूनी कार्रवाई की चुनौती दी गई है।
Adani Group की बैलेंस शीट काफी मजबूत
गौतम अडानी ने एक वीडियो स्पीच में पिछले हफ्ते कहा था कि ग्रुप की बैलेंस शीट काफी मजबूत है। अडानी इंटरप्राइजेस के शेयर के दाम में मंगलवार को काफी बढ़त देखने को मिली थी। कंपनी (company) की ओर से एक बिलियन डॉलर के कर्ज का समय से पहले भुगतान किया गया था, जिसकी वजह से शेयर के दाम में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली और 15% समाप्त होने से पहले फ्लैगशिप के शेयरों में 25% की वृद्धि हुई।