नई दिल्ली। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू को 120 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। जिसके बाद अडानी ग्रुप अपने रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट कम करने और कैपेक्स में कटौती करने की योजना बना रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप ने अगले वित्तीय वर्ष में 40 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था लेकिन अब इसे घटाकर 15 से 20 फीसदी किया जा सकता है। साथ ही कैपिटल एक्सपेंडीचर प्लान में भी कटौती करने की योजना है। ग्रुप आक्रामक तरीके से अपना कारोबार फैला रहा था लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने उसकी साख को बट्टा लगा दिया है।
गौतम अडानी की अगुवाई वाला यह ग्रुप अब अपनी फाइनेंशियल हेल्थ को दुरुस्त करने में जुटा है। रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप का फोकस अब कैश बचाने, कर्ज के भुगतान और गिरवी रखे शेयरों को छुड़ाने पर होगा। हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के बारे में एक निगेटिव रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप ने शेयरों के साथ छेड़छाड़ की है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। लेकिन इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। कई शेयर तो 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। यही वजह है कि अडानी ग्रुप अब डैमेज कंट्रोल में जुटा है।