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अडानी घटनाक्रम से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का भरोसा नहीं डिगा है: केपी ‎सिंह

Teja
20 Feb 2023 10:17 AM GMT
अडानी घटनाक्रम से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का भरोसा नहीं डिगा है: केपी ‎सिंह
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नई दिल्ली। अमेरिकी की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक समय देश प्रमुख कारोबारी रहे गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल मची हुई है। हालांकि, रियल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गज केपी सिंह का मानना है कि अडानी घटनाक्रम से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का भरोसा नहीं डिगा है। उन्होंने इन चर्चाओं को भी खारिज कर दिया कि अडानी समूह को ऊपर के निर्देश के बाद बैंकों ने कर्ज दिया था। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वृद्धि के मार्ग पर बने रहने के लिए अडानी समूह को अपने पूंजी आधार को बढ़ाने और कर्ज को कम करने की जरूरत है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई थी।

उसके बाद से ही अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त बिकवाली का सिलसिला चल रहा है। डीएलएफ के मानद चेयरमैन केपी सिंह ने कहा कि यह केवल एक कॉरपोरेट समूह से संबंधित अस्थायी झटका है और इससे भारत के प्रति निवेशकों का भरोसा कम नहीं हुआ है। सिंह ने याद दिलाया कि कैसे जब डेढ़ दशक पहले उनकी रियल एस्टेट फर्म डीएलएफ आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला रही थी, कनाडा की एक कंपनी ने एक रिपोर्ट लाने की धमकी दी थी। उन्होंने बताया, उस समय हमने कनाडा की कंपनी से कहा था कि उसे जो करना है वह करे। कुछ ब्लैकमेलर होते हैं, जो बड़ी शेयर बिक्री के समय रिपोर्ट लाते हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपए के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) से ठीक पहले आई थी। अडानी-हिंडनबर्ग विवाद से क्या निवेश गंतव्य के रूप में भारत पर असर पड़ेगा, इस सवाल पर सिंह ने इसे बकवास बताया। उन्होंने कहा कि भारत काफी बड़ा देश है इसलिए यह 'कहानी' खत्म हो जाएगी। निवेश पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक काफी समझदार व्यक्ति हैं और जब तक वे प्रधानमंत्री रहते हैं, भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थल बना रहेगा। सेब से लेकर हवाई अड्डा क्षेत्र में कार्यरत अडानी समूह ने इन आरोपों को दुर्भावनापूर्ण, निराधार और भारत पर सुनियोजित हमला कहा है।

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