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नई पेंशन स्कीम लाने पर हो रहा सक्रिय रूप से काम, ब्याज को लेकर भी हो सकती है बैठक में बात

Tulsi Rao
21 Feb 2022 4:55 AM GMT
नई पेंशन स्कीम लाने पर हो रहा सक्रिय रूप से काम, ब्याज को लेकर भी हो सकती है बैठक में बात
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मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। EPFO New Update: अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य हैं. तो ये खबर आपके लिए है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिटायरमेंट फंड संस्था EPFO संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम (Pension Scheme) लाने पर विचार कर रही है, जिन्हें 15,000 रुपये प्रति महीने से ज्यादा का बेसिक वेतन (Basic Salary) मिल रहा है और वे उसकी एंप्लॉयज पेंशन स्कीम 1995 (EPS-95) के तहत कवर नहीं किए जा रहे हैं. वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं.

अगले महीने होगी CBT की बैठक
पीटीआई की खबर के अनुसार, EPFO के सूत्र ने बताया कि ' 'EPFO के सदस्यों के बीच ऊंचे योगदान पर ज्यादा पेंशन की मांग की गई है. इस प्रकार उन लोगों के लिए एक नया पेंशन उत्पाद या योजना लाने के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है, जिनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से ज्यादा है.' सूत्रों के मुताबिक इस नए पेंशन पर प्रस्ताव 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में EPFP के फैसले लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में आ सकता है. बैठक के दौरान सीबीटी द्वारा नवंबर, 2021 में पेंशन संबंधी मुद्दों पर गठित एक उप-समिति भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
अभी कम मिलती है पेंशन
रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसे EPFO सब्सक्राइबर्स हैं, जिन्हें 15,000 रुपये से अधिक का मासिक मूल वेतन मिल रहा है, लेकिन वे EPS-95 के तहत 8.33 फीसदी की कम दर से ही योगदान कर पाते हैं. इस तरह उन्हें कम पेंशन मिलती है. EPFO ने 2014 में मासिक पेंशन योग्य मूल वेतन को 15,000 रुपये तक सीमित करने के लिए योजना में संशोधन किया था. 15,000 रुपये की सीमा केवल सेवा में शामिल होने के समय लागू होती है. संगठित क्षेत्र में वेतन संशोधन और मूल्यवृद्धि की वजह से इसे 1 सितंबर 2014 से 6,500 रुपये से ऊपर संशोधित किया गया था.
ब्याज दर में भी हो सकती है बढ़ोतरी
CBT की बैठक अगले महीने होने वाली बैठक में फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए ब्याज दर (Interest Rate) से जुड़ा फैसला भी किया जाएगा. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बैठक को लेकर जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि इस बैठक में 2021-22 के लिए ब्याज दरों का तय करने का प्रपोजल लिस्टेड है. यादव CBT के प्रमुख हैं. इससे पहले मार्च, 2021 में CBT ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए EPF Deposits पर 8.5 फीसदी का ब्याज दर तय किया था.


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