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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया की सबसे बड़ी वाहन निर्माता टेस्ला को बीते कुछ दिनां में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उनके राज्य में काम शुरू करने का न्योता दिया है. लेकिन भारत में टेस्ला की शुरुआत के लिए इलोन मस्क की जो जरूरतें हैं, उन्हें कुछ ही राज्य पूरा कर सकते हैं. जहां भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी पर कमी करने की बात टेस्ला केंद्र सरकार से कर रही है, वहीं मस्क को महाराष्ट्र के टूरिज्म और एनवायरमेंट मिनिस्टर आदित्य ठाकरे में एक दोस्त नजर आने लगा है.
इलेक्ट्रिक वाहनों की इंपोर्ट ड्यूटी कम की जानी चाहिए
आदित्य ठाकरे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अगले महीने की शुरुआत में पेश होने वाने आगामी यूनियन बजट 2022-2023 राज्य की उम्मीदों पर प्रकाश डाला है. ठाकरे ने सुझाव दिया है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की इंपोर्ट ड्यूटी कम की जानी चाहिए. आदित्य ठाकरे ने कहा कि इन विदेशी कंपनियों को 3 साल या एक निश्चित समय तक रिवायत मिलनी चाहिए ताकि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिल सके.
अपने इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करना चाहते हैं - इलोन मस्क
भारत में टेस्ला ने 2021 में ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर इंपोर्ट ड्यूटी में कमी होते हुए देखी है. पिछले साल अगस्त में इलोन मस्क ने कहा था कि भारत में वो अपने इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करना चाहते हैं, लेकिन इनकी इंपोर्ट ड्यूटी दुनिया में सबसे ज्यादा यहीं लगाई जा रही है. इसपर केंद्र सरकार ने अब तक कोई बयान नहीं दिया है. भारत सरकार पहले टेस्ला का प्रोडक्शन प्लान जानना चाहती है जिसके बाद इंपोर्ट ड्यूटी में गिरावट की जा सकती है.
पूरी तरह आयात की गई कारों पर 100 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी
फिलहाल भारत में इंपोर्टेड कारों पर 60-100 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी ली जा रही है. 40,000 डॉलर से महंगी पूरी तरह आयात की गई कारों पर 100 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी ली जाती है. इससे सस्ती कार होने पर ये आयात शुल्क 60 प्र्रतिशत हो जाता है. इस हिसाब से टेस्ला की सभी कारों में सिर्फ एक मॉडल है जो 60 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी के साथ भारत लाया जा सकता है और उसकी कीमत भी स्टैंडर्ड वेरिएंट के मुकाबले काफी ज्यादा होगी. बता दें कि जनवरी 2021 में टेस्ला ने कर्नाटक में टेस्ला इंडिया मोटर्स नाम से खुदको रजिस्टर किया है.
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