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एक सर्वे में 72 फीसदी ऐसे उपभोक्ताओं ने कहा कि सरकार को ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा दी जाने छूट पर रोक नहीं लगानी चाहिए और न ही उनकी ‘सेल्स’ की पेशकश में हस्तक्षेप करना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- ज्यादातर उपभोक्ता ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफॉर्म्स द्वारा दी जाने वाली भारी छूट के पक्ष में हैं. एक सर्वे में 72 फीसदी ऐसे उपभोक्ताओं ने कहा कि सरकार को ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा दी जाने छूट पर रोक नहीं लगानी चाहिए और न ही उनकी 'सेल्स' की पेशकश में हस्तक्षेप करना चाहिए.
सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल्स (LocalCircles) के एक सर्वे के अनुसार पिछले 12 माह में देश में ऑनलाइन खरीदारी मुख्यधारा में आ गई है. 49 फीसदी उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं. सर्वे में देश के 394 जिलों के 82,000 उपभोक्ताओं की राय को शामिल किया गया है. इनमें 62 प्रतिशत पुरुष और शेष महिलाएं हैं.
72 फीसदी उपभोक्ता छूट पर रोक लगाए जाने के खिलाफ
सर्वे में कहा गया है कि बड़ी संख्या में उपभोक्ता आज खरीदारी के लिए इस चैनल का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह एक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रतिस्पर्धी कीमतों की पेशकश की जाती है.
सर्वे में ई-कॉमर्स कंपनियों की सेल पर भी उपभोक्ताओं के विचार लिए गए. 72 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा कि वे नहीं चाहते कि सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर दी जाने वाली छूट या सेल आदि पर किसी तरह की रोक लगाए या कोई हस्तक्षेप करे.
सस्ती होती है ऑनलाइन खरीदारी
सर्वे में शामिल लोगों का कहना था कि ऑनलाइन सेल्स में खरीदारी सस्ती होती है और इसमें उन्हें बचत करने का मौका मिलता है. ऐसे कठिन समय में यह काफी महत्वपूर्ण है. सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में संशोधन का प्रस्ताव किया है. माना जा रहा है कि इन संशोधनों से ऑनलाइन साइटों की छूट या सेल्स पर अंकुश लग सकता है.
ये नामी ई-कॉमर्स कंपनी अब नहीं बेचेगी महंगा सामान
स्नैपडील के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुणाल बहल ने बताया, पिछले कुछ वर्षों में, हमने मूल्य ई-कॉमर्स सेगमेंट पर बहुत तेजी से ध्यान केंद्रित किया है और हमारी रणनीति आगे भी इस सेगमेंट के लिए निर्माण करना है. हम उन ग्राहकों के बारे में बहुत स्पष्ट हैं जिन्हें हम सेवा दे रहे हैं और वे मुख्य रूप से 'मूल्य खरीदार' हैं. इसलिए हम बहुत महंगे आइटम या महंगे ब्रांड नहीं बेचेंगे.
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