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केरल में कोच्चि से अजीबोगरीब मामला आया सामने, 3500 के शेयर्स खरीदकर भूल गए बाबू कोच्चि जॉर्ज

Shiddhant Shriwas
28 Sep 2021 12:58 PM GMT
केरल में कोच्चि से अजीबोगरीब मामला आया सामने, 3500 के शेयर्स खरीदकर भूल गए बाबू कोच्चि जॉर्ज
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बाबू जॉर्ज वालावी का दावा है कि 1978 में उन्होने राजस्थान के उदयपुर की कंपनी मेवाड़ ऑयल एंड जनरल मिल्स लिमिटेड कंपनी से 3500 शेयर्स खरीदे थे

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केरल में कोच्चि के बाबू जॉर्ज वालावी (Babu George Valavi) ने आज से 43 साल पहले 3500 शेयर्स खरीदे थे. इस शेयर को खरीदने के बाद वो इसे भूल गए. लेकिन अब जब उन्हें याद आया तो पता चला कि आज उन शेयर्स की कीमत 1448 करोड़ रुपये हो चुकी है. लेकिन यह मामला तब सामने आया जब कंपनी उन्हे इन शेयर्स के पैसे नहीं देना चाहती है.

74 साला जॉर्ज ने इस मामले को लेकर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अर्जी लगाई है. उन्होंने दावा किया है कि कंपनी के असली शेयर्स के मालिक वह हैं, और कंपनी उन्हें अब उनकी ही रकम देने से इनकार कर रही है. हालांकि इन सबके बाद उन्हें यह उम्मीद है कि सेबी उनकी मदद जरूर करेगा.

बाबू जॉर्ज वालावी का दावा

बाबू जॉर्ज वालावी का दावा है कि 1978 में उन्होने राजस्थान के उदयपुर की कंपनी मेवाड़ ऑयल एंड जनरल मिल्स लिमिटेड कंपनी से 3500 शेयर्स खरीदे थे. जॉर्ज ने बताया कि कंपनी के चेयरमैन पीपी सिंघल जॉर्ज के दोस्त थे. लेकिन उस वक्त कंपनी अनलिस्टेड थी. इसी वजह से वह अपने शेयर्स के बारे में भूल गए, लेकिन 2015 में बाबू ने जब फिर से इस मामले की पड़ताल की तो पता लगा कि कंपनी ने नाम बदलकर पीआई इंडस्ट्रीज कर लिया है.

कंपनी अब हो चुकी है लिस्टेड

बाबू ने जब यह जाना कि यह कंपनी लिस्टेड हो चुकी है तो उन्होने शेयर्स को डीमेट अकाउंट में तब्दील करने की कोशिश की और एक एजेंसी से संपर्क किया. इसके बाद, एजेंसी ने बाबू को सीधे कंपनी से संपर्क करने की सलाह दी. कंपनी से संपर्क करने पर बाबू को पता चला कि उनके शेयर्स कंपनी ने 1989 में किसी और को बेच दिए थे. यानी अब जॉर्ज को कंपनी उनका प्रॉफ़िट नहीं देना चाहती है.

कंपनी ने कारवाई है जांच

2016 में पीआई इंडस्ट्रीज ने बाबू को मध्यस्थता के लिए बुलाया लेकिन इसके उन्होंने लिए इंकार कर दिया था. जिसके बाद कंपनी ने बाबू के डॉक्यूमेंट्स की जांच करने के लिए दो बड़े अफसर केरल भेजे. कंपनी ने ये माना कि बाबू के पास मौजूद डॉक्यूमेंट्स असली हैं, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद बाबू ने सेबी में शिकायत की है.

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