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आपका खाता एक फोन कॉल खाली कर सकता है, इन सेफ्टी टिप्स को करें फॉलो

Bhumika Sahu
7 Jan 2022 2:19 AM GMT
आपका खाता एक फोन कॉल खाली कर सकता है, इन सेफ्टी टिप्स को करें फॉलो
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अपराधी बैंक फ्रॉड करने के लिए तरह-तरह के तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे व्यक्ति को झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में उनका अकाउंट खाली कर देते हैं. इनमें से एक तरीका विशिंग (Vishing) है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के दौर में लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन और लैपटॉप पर बिताते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहा है. पिछले कुछ समय में साइबर अपराध के मामले तेजी के साथ बढ़े हैं. इसके साथ आजकल बैंक से जुड़े धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले बढ़ रहे हैं. अपराधी बैंक फ्रॉड करने के लिए तरह-तरह के तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे व्यक्ति को झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में उनका अकाउंट खाली कर देते हैं. इनमें से एक तरीका विशिंग (Vishing) है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.

विशिंग क्या है?
विशिंग में अपराधी फोन कॉल के जरिए गोपनीय जानकारी को हासिल करने की कोशिश करते हैं. डिटेल्स जैसे यूजर आईडी, लॉग इन और ट्रांजैक्शन पासवर्ड, ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), URN (यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर), कार्ड पिन, ग्रिड कार्ड वैल्यू, सीवीवी या निजी जानकारी जैसे जन्म की तारीख, माता का नाम आदि हासिल कर लेते हैं. अपराधी बैंक की ओर से होने का दावा करते हैं और ग्राहकों को झांसे में फंसाकर फोन पर ही उनकी निजी और वित्तीय डिटेल्स को हासिल कर लेते हैं. इन डिटेल्स का इस्तेमाल फिर आपके अकाउंट के साथ बिना आपकी इजाजत के धोखाधड़ी करने के लिए होता है. इससे आपको वित्तीय नुकसान पहुंच सकता है.
इन सेफ्टी टिप्स को करें फॉलो
इस बात का ध्यान रखें कि आपके बैंक के पास आपकी कुछ निजी डिटेल्स मौजूद होती हैं. ऐसे किसी भी कॉलर से सावधान रहें, जिसे आपकी बेसिक पर्सनल डिटेल्स जैसे पहला और आखिरी नाम (हालांकि, इस अकेली बात पर भी विश्वास करना सही नहीं है). अगर आपको ऐसी कॉल मिलती है, तो उसके बारे में तुरंत बैंक को सूचित करें.
इसके अलावा किसी टेलिफोन सिस्टम पर अपनी पर्सनल या अकाउंट डिटेल्स को शेयर नहीं करें, जो आपको टेलिफोन मैसेज में मिला हो. या फोन मैसेज के जरिए टेलिफोन नंबर मिलने पर भी उस पर डिटेल्स को साझा करने से बचें. ईमेल और एसएमएस पर भी डिटेल्स को शेयर नहीं करें, खासतौर पर अगर वह आपके क्रेडिट कार्ड या बैंक अकाउंट से संबंधित किसी सिक्योरिटी मामले को लेकर हो.
जब कोई टेलिफोन नंबर दिया जाता है, तो सबसे पहले आपके क्रेडिट कार्ड के पीछे दिए गए फोन नंबर पर कॉल करें. इसके अलावा बैंक स्टेटमेंट पर दिए नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं. इससे यह वेरिफाई हो जाएगा कि क्या वह नंबर असल में बैंक का है या नहीं.
अगर आपके पास कोई एसएमएस या कॉल आता है, जिसमें आपके निजी या क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी मांगी जाती है, तो कृप्या ऐसी जानकारी को बिल्कुल भी साझा नहीं करें.


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