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बेंगलुरु। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने को लेकर गुरुवार को एक रिपोर्ट में अहम खुलासा हुआ है। करीब 95 प्रतिशत भारतीय सीआईओ को लगता है कि 2024 में बिजनेस के लिए 'एआई' को अपनाना महत्वपूर्ण है। लेनोवो द्वारा कमीशन की गई इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में 900 से ज्यादा सीआईओ को शामिल किया गया, जिसमें 150 से ज्यादा भारतीय सीआईओ थे।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एशिया-पैसिफिक में संस्थान 2023 की तुलना में 2024 में एआई खर्च को 45 प्रतिशत बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। लेनोवो आईएसजी इंडिया के एमडी अमित लूथरा ने कहा, ''भारत में सीआईओ ने एआई के बारे में सबसे अधिक '95 प्रतिशत' विश्वास जताया है। उनका मानना है कि यह प्रतिस्पर्धी लाभ पैदा करेगा, और उनमें से 57 प्रतिशत इसे अपने संगठनों के लिए गेम चेंजर मानते हैं।"
इसके अलावा, 2024 में भारतीय सीआईओ के लिए एक प्रमुख रुझान में जेनएआई में 28 प्रतिशत निवेश शामिल है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एआई ने देश में बढ़ी हुई योग्यता के लिए साइबर सुरक्षा और खतरे का पता लगाने, इंटेलिजेंस ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन समेत टॉप टेक्नोलॉजी को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 84 प्रतिशत सीआईओ पहले से ही अपने सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं और 14 प्रतिशत निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
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