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मई के पहले सप्ताह में एक्सपोर्ट में आया 80 फीसदी का उछाल

Apurva Srivastav
9 May 2021 10:24 AM GMT
मई के पहले सप्ताह में एक्सपोर्ट में आया 80 फीसदी का उछाल
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देश के निर्यात में अप्रैल के महीने से तेजी देखी जा रही है

देश के निर्यात में अप्रैल के महीने से तेजी देखी जा रही है. पिछले महीने देश के निर्यात में करीब 3 गुना तेजी दर्ज की गई थी. मई में भी यह तेजी जारी है. इस महीने के पहले सप्ताह में निर्यात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 80 फीसदी बढ़कर 7.04 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वाणिज्य मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.

आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले साल 2020 में एक से सात मई के दौरान 3.91 अरब डॉलर का निर्यात किया गया जबकि 2019 की इसी अवधि में 6.48 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था. इस अवधि में आयात भी 80.7 फीसदी बढ़कर 8.86 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो कि पिछले साल इसी अवधि में 4.91 अरब डॉलर और 2019 में 10.39 अरब डॉलर था. अप्रैल 2021 माह में देश का निर्यात कारोबार एक साल पहले इसी माह के मुकाबले तीन गुणा के करीब बढ़कर 30.21 अरब डॉलर रहा था. अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के चलते देश से केवल 10.17 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था.
अप्रैल में भारत का ट्रेड डेफिसिट 15.24 अरब डॉलर रहा
अप्रैल महीने में आयात में भी उछाल आया था. अप्रैल में भारत का कुल आयात 45.45 अरब डॉलर रहा. अप्रैल 2020 में भारत का कुल आयात 17.09 अरब डॉलर रहा था. इस तरह अप्रैल के महीने में भारत नेट इंपोर्टर रहा है. भारत का ट्रेड डेफिसिट उस महीने में 15.24 अरब डॉलर रहा. अप्रैल 2020 के मुकाबले ट्रेड डेफिसिट में 120.34 फीसदी की तेजी आई है. अप्रैल 2020 में भारत ट्रेड डेफिसिट 6.92 अरब डॉलर रहा था.
इन वस्तुओं का हुआ निर्यात
इस दौरान रत्न एवं आभूषण, जूट, कालीन, हसतशिलप, चमड़ा, इलेक्ट्रानिक सामान, तेल खल, काजू, इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम उत्पादों, समुद्री उत्पादों और रसायन का निर्यात कारोबार बेहतर रहा. निर्यातक संगठनों के महासंघ फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष एस के सराफ ने कहा कि निर्यात वृद्धि काफी उत्साहवर्धक है और निर्यातकों के पास अच्छे ऑर्डर मौजूद हैं.
निर्यातकों को सरकार करे मदद
उन्होंने कहा, ''मैं सरकार से कहना चाहूंगा कि वह निर्यातकों की सुविधा के लिए भारत से वाणिज्यिक वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) और निर्यात उत्पादों पर शुल्क एवं करों की वापसी की आरओडीटीईपी दरों पर गौर करे तथा इसके तहत जल्द से जल्द इसकी घोषणा करे क्योंकि निर्यातकों के मार्जिन पर इसका प्रभाव पड़ रहा है.''


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