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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 7th Pay Commission: अगर आप खुद या आपके घर का कोई सदस्य केंद्रीय कर्मचारी है तो यह खबर आपके काम की है. केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को लेकर नया अपडेट आया है. जनवरी के बाद अब जुलाई में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) बढ़ना है. महंगाई और AICPI Index को देखें तो डीए के 5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. साल 2019 के बाद ये पहला मौका है जब डीए में 5 प्रतिशत का उछाल आएगा.
मौजूदा समय में 34 प्रतिशत है डीए
इस बार (जुलाई में) महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन (DA Calculation) का फॉर्मूला बदल जाएगा. मार्च में महंगाई भत्ता बढ़ाने के ऐलान के बाद कर्मचारियों का डीए 31 प्रतिशत से बढ़कर 34 प्रतिशत हो गया. अब जुलाई का अगला महंगाई भत्ता (Dearness allowance) काफी चर्चा में है. AICPI Index लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में यह उम्मीद है कि महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन के लिए नया फॉर्मूला लगाया जाएगा.
नए फॉर्मूले से होगी गणना
महंगाई भत्ते (Dearness allowance) के लिए लेबर मिनिस्ट्री (Ministry of Labour) ने गणना का तरीका बदल दिया है. मंत्रालय ने महंगाई भत्ते (DA Calculation) के आधार वर्ष (Base Year) 2016 में बदलाव किया है. इसके तहत मजदूरी दर सूचकांक (WRI-Wage Rate Index) की नई सीरीज जारी हुई है. मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज जगह लेगी.
ऐसे होती है महंगाई भत्ते की गणना
अभी 7th Pay Commission के डीए की मौजूदा दर को मूल वेतन (Basic Pay) से गुणा करके महंगाई भत्ते की रकम निकाली जाती है. उदाहरण के लिए यदि महंगाई भत्ता 34 प्रतिशत और आपका मूल वेतन 56,900 रुपये है तो आपका डीए (56,900 x34)/100 होगा. इसी तरह महंगाई भत्ते का प्रतिशत = पिछले 12 महीने का CPI का औसत-115.76. जितना औसत आएगा उसे 115.76 से भाग दिया जाएगा. जो नंबर आएगा, उसे 100 से गुणा किया जाएगा.
कैलकुलेट करें सैलरी
7वें वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी की कैलकुलेशन के लिए बेसिक सैलरी पर DA कैलकुलेट करना होगा. उदाहरण के लिए किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 25,000 रुपये है तो उसका महंगाई भत्ता (DA Calculation) 25,000 का 34% होगा. 25,000 रुपये का 34% यानी 8500 रुपये होगा. यह उदाहरण है, बाकी सैलरी स्ट्रक्चर वाले भी इसे कैलकुलेट कर सकते हैं.
कितने तरह के होते हैं महंगाई भत्ते?
महंगाई भत्ता (DA) दो तरह का होता है. पहला इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस और दूसरा वेरिएबल डियरनेस अलाउंस. इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस में बदलाव हर 3 महीने में होता है. यह केंद्र के पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होता है. इसका आकलन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर होता है. वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का रिवीजन हर 6 महीने में होता है.
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