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PLI स्कीम के तहत अगले 5 सालों में 7.5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

Subhi
16 Feb 2022 3:24 AM GMT
PLI स्कीम के तहत अगले 5 सालों में 7.5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
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ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम से अगले पांच सालों में 7.5 लाख अतिरिक्त नौकरियां और 2,31,500 करोड़ रुपये का उत्पादन बढ़ेगा।

ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम से अगले पांच सालों में 7.5 लाख अतिरिक्त नौकरियां और 2,31,500 करोड़ रुपये का उत्पादन बढ़ेगा। इस पीएलआई स्कीम में फोर्ड, टाटा मोटर्स, सुजुकी, हुंडई, किआ और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी 20 कंपनियां शामिल हैं, जो ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र होंगी। जानकारी के लिए बता दें कि चैंपियन ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) इंसेंटिव स्कीम के तहत आवेदकों को मंजूरी दी गई है।

एक इंटरव्यू के दौरान भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव अरुण गोयल ने पीटीआई को बताया कि हमने जिन 20 कंपनियों को इस स्कीम में शामिल किया है उन्होंने 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसलिए इस स्कीम की टार्गेट के मुताबित, हमारी योजना 25,938 करोड़ रुपये की है, इसलिए हमें उम्मीद है कि इससे 2,31,500 करोड़ रुपये का उत्पादन बढ़ेगा।

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि यह योजना केवल ऐसे उत्पादों पर प्रोत्साहन देती है, जिसका प्रोडक्शन इस समय भारत में नहीं हो रहे हैं। गोयल ने कहा कि वृद्धिशील उत्पादन के आंकड़े का अर्थ है कि हम अतिरिक्त 2,31,500 करोड़ रुपये के उत्पादों का आयात करते हैं, जिससे सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूत किया जा सके। इस स्कीम में एक शर्त ये भी है कि वैल्यू एडिशन का 50 फीसद हिस्सा डोमेस्टिक प्रोडक्शन से होना चाहिए, ताकि मेड इन इंडिया को बढ़ावा मिल सके। डोमेस्टिक प्रोडक्शन में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को शामिल किया गया है।

इन्हें नहीं मिलेगा योजना का लाभ

इस पीएलआई स्कीम के कुछ शर्ते हैं, जिसका पालन न करने वालों को इस योजना के तहत लाभ नहीं दिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई कंपनी बाहर से कारों को इंपोर्ट करती है या फिर यहां पर असेंबल कर रही है, तो उसे योजना के तहत लाभ नहीं मिलेगा। उसे वैल्यू एडिशन के मामले में भारत में कम से कम 50 प्रतिशत का उत्पादन करना होगा।


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