भारत में 5G स्पेक्ट्रम नीलामी का लंबे वक्त से इंतजार है। हालांकि नई रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मई तक 5G स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएग। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) मार्च तक स्पेक्ट्रम की कीमत तय करने संबंधित नियमों पर अपनी सिफारिश पेश कर सकता है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसी माह की शुरुआत में कहा था कि ट्राई मार्च तक 5G नीलामी के लिए अपनी सिफारिशें पेश करेगा। साथ ही दूरसंचार विभाग (DoT) नीलामी प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है।
मई तक होगी 5G स्पेक्ट्रम नीलामी
दूरसंचार सचिव के राजारमन ने कहा कि ट्राई की ओर से मार्च तक सिफारिशे भेजने के बाद एक माह का अतिरिक्त वक्त लगेगा। पहले तक यह टाइम पीरियड 60-120 दिनों का होता था। राजारमन ने कहा कि दूरसंचार विभाग को ट्राई से सिफारिश मिलने के दिन से नीलामी शुरू होने में दो महीने का समय लगेगा। ऐसे में उम्मीद है कि मई तक 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के काम को पूरा कर लिया जाए।
स्पीड होगी 5 गुना तेज
DoT के मुताबिक 4G की तुलना में 5G डाउनलोड स्पीड 10 गुना तेज होगी। बता दें कि दूरसंचार विभाग ट्राई से स्पेक्ट्रम की कीमत, स्पेक्ट्रम आवंटन के प्रोसेस, स्पेक्ट्रम के ब्लॉक आकार, भुगतान के नियमों और शर्तों की जानकारी मांगता है। वहीं ट्राई इंडस्ट्री और सर्विस प्रोवाइडर के साथ सलाह-मशविरा करते स्पेक्ट्रम की प्राइसिंग की शिफारिश करता है। ट्राई की सिफारिशों को अनुमोदन के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाता है।
5G स्पेक्ट्रम नीलामी की कीमत पर टकराव
राजारमन ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने नीलामी के लिए MSTC को नीलामीकर्ता के तौर पर चुना है। ट्राई ने 5G स्पेक्ट्रम कंसल्टेशन में हिस्सा लेने वालों को 15 फरवरी तक अपने कमेंट देने का निर्देश दिया है। इसके बाद ट्राई इन कमेंट का रिव्यू करेगा। फिर नई सिफारिशों को पेश करेगा। टेलीकॉम ऑपरेटर ने स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी बैंड की कीमत में 95 फीसदी तक की कटौती की मांग की है। 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के नियमों को लेकर दूरसंचार और सैटेलाइट कंपनियां दोनों एक दूसरे के साथ आमने-सामने हैं।