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भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए अक्सर नियमों में बदलाव करता रहता है। पिछले कुछ सालों में रेलवे के कुछ नियम भी बदले हैं. अब सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि रेलवे ने जुलाई से अब तक करीब 10 नियम बदल दिए हैं. इन 10 नियमों में रिफंड से लेकर टिकट बुकिंग तक के कई नियम शामिल हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस मैसेज में कितनी सच्चाई है और क्या वाकई रेलवे ने नियम बदले हैं?
तो आइए आज वायरल हो रहे इस मैसेज की पड़ताल करते हैं और जानते हैं कि मैसेज में क्या दावे किए गए हैं और मैसेज की सच्चाई क्या है. साथ ही, वायरल मैसेज का फैक्ट चेक आपको बताएगा कि क्यों किसी वायरल मैसेज पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
मैसेज में क्या दावा किया जा रहा है?
मैसेज में दावा किया गया है कि रेलवे ने 1 जुलाई से 10 नियम बदल दिए हैं, जो इस प्रकार हैं-
वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म होने वाला है. रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म टिकट उपलब्ध कराए जाएंगे।
1 जुलाई से तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर 50 फीसदी रिफंड मिलेगा.
1 जुलाई से तत्काल टिकट के नियम बदल गए हैं. एसी कोच के लिए टिकट बुकिंग सुबह 10 से 11 बजे तक और स्लीपर कोच के लिए सुबह 11 से 12 बजे तक होगी।
1 जुलाई से राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा शुरू हो रही है. इस सुविधा के बाद शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कागज के टिकट नहीं मिलेंगे और टिकट सीधे फोन पर भेजे जाएंगे।
विभिन्न भाषाओं में रेलवे टिकटिंग की सुविधा जल्द ही शुरू होने वाली है। अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी टिकट मिलेंगे.
रेलवे में टिकट के लिए हमेशा मारामारी रहती है. ऐसे में 1 जुलाई से शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
डुप्लीकेट ट्रेनें चलाने की भी योजना है.
रेल मंत्रालय 1 जुलाई से राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और मेल-एक्सप्रेस जैसी अन्य सुविधायुक्त ट्रेनें चलाने जा रहा है।
रेलवे 1 जुलाई से प्रीमियम ट्रेनों को पूरी तरह से बंद करने जा रहा है।
सुविधा ट्रेनों में टिकट रिफंड करने पर 50 फीसदी किराया वापस किया जाएगा. इसके अलावा एसी-2 पर रु. 100/-, एसी-3 पर रु. 90/-, स्लीपर पर प्रति यात्री रु. 60/- शुल्क लगेगा.
इसके साथ ही डेस्टिनेशन अलर्ट की भी बात की गई है, जिसमें यात्रियों को स्टेशन से पहले ही अलर्ट मिल जाएगा.
मैसेज में कितनी सच्चाई?
सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब यह मैसेज वायरल हो रहा है. यह मैसेज पिछले कुछ सालों में कई बार वायरल हो चुका है और कई बार इन नियमों को बदलने का दावा भी किया गया है. तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस मैसेज में कितनी सच्चाई है. इसके अलावा रेलवे अधिकारियों ने कई वेबसाइट्स को जानकारी दी है कि रेलवे की ओर से ऐसे नियमों में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है. ऐसे में कहा जा सकता है कि ये मैसेज गलत है. 1 जुलाई से ट्रेन नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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