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IRCTC का शेयर
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के शेयर में मंगलवार को बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिली. आज के कारोबार में बीएसई पर आईआरसीटीसी (IRCTC) का शेयर 19 फीसदी बढ़कर 52 हफ्ते नई ऊंचाई 6,393 रुपये के भाव पर पहुंच गया. वहीं, कारोबार के दौरान शेयर 1400 अंक यानी 15 फीसदी टूटकर 4995.75 रुपके निचले स्तर पर लुढ़क गया. हालांकि, कारोबार के अंत में IRCTC का शेयर 8.75 फीसदी यानी 514 अंकों की गिरावट के साथ 5363 रुपये पर बंद हुआ. शेयर में गिरावट से निवेशकों बड़ा नुकसान हुआ.
IRCTC का आज मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया. रिकॉर्ड हाई पर शेयर के पहुंच के साथ मार्केट कैप 1,02,288 करोड़ रुपये हो गया. यह नौवां पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSU) बन गया जिसका मार्केट कैप 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा है.
अचानक क्यों आई शेयर में गिरावट
दरअसल, RITES ने रेलवे में रेग्युलेटर नियुक्त करने की रिपोर्ट दी है. RITES की रिपोर्ट के बाद अब कैबिनेट नोट बनेगा. प्राइवेट ट्रेनों के लिए रेग्युलेटर की सिफारिश की गई है. पैसेंजर ट्रेन भी रेग्युलेटर के दायरे में आएंगे. इस खबर के बाद आईआरसीटीसी का शेयर 1400 अंक टूटकर 4995.75 के निचले स्तर पर आ गया.
निवेशकों को लगा 22000 करोड़ का झटका
शेयर में अचानक आई बड़ी गिरावट से निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है. कारोबार के दौरान निवेशकों की दौलत 22,356 करोड़ रुपये घट गई.
अब तक दे चुका है 1800 फीसदी रिटर्न
IRCTC का शेयर 14 अक्टूबर 2019 को शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था. उस समय इसका इश्यू प्राइस 320 रुपए था. इश्यू प्राइस के मुकाबले यह शेयर करीब 18 गुना उछल चुका है. इस लिहाज से पिछले दो सालों में यह शेयर करीब 1800 फीसदी का रिटर्न दे चुका है.
शेयर पिछले एक सप्ताह में 30 फीसदी, एक महीने में 62 फीसदी, तीन महीने में 160 फीसदी, इस साल अब तक 335 फीसदी और पिछले एक साल में 370 फीसदी का उछाला है.
1 लाख करोड़ मार्केट कैप वाली सरकारी कंपनियों की लिस्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कोल इंडिया, NMDC, इंडियन ऑयल, पावर ग्रिड, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, भारत पेट्रोलियम, एसबीआई कार्ड्स के नाम पहले से दर्ज हैं.
सरकार के पास करीब 68 फीसदी हिस्सेदारी
इस कंपनी में सरकार के पास 67.40 फीसदी हिस्सेदारी है. विदेशी निवेशकों के पास 7.81 फीसदी, घरेलू निवेशकों के पास 8.48 फीसदी और पब्लिक के पास 16.32 फीसदी हिस्सेदारी है. सितंबर तिमाही में प्रमोटर यानी सरकार की हिस्सेदारी स्थिर रही. म्यूचुअल फंड्स ने इसमें अपनी हिस्सेदारी 7.28 फीसदी से घटाकर 4.78 फीसदी कर दी है. विदेशी निवेशकों यानी FII/FPI ने अपनी हिस्सेदारी 8.07 फीसदी से घटाकर 7.81 फीसदी कर दी है. इस शेयर में 25 म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने निवेश किया है.
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