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कोरोना के बाद अक्टूबर-नवंबर (2020) में त्योहारी सीजन में कारों की बिक्री में अच्छी खासी तेजी दर्ज की गई थी,
Car sales January: कोरोना के बाद अक्टूबर-नवंबर (2020) में त्योहारी सीजन में कारों की बिक्री में अच्छी खासी तेजी दर्ज की गई थी, जिसके बाद यह सिलसिला कायम है. पिछले कुछ महीनों में ऑटो सेक्टर ने अच्छी रिकवरी दर्ज की है. सभी ब्रांड के कारों की बिक्री सुधरी है. वित्त मंत्रालय में प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सांन्याल ने ट्वीट कर कहा है कि सालाना आधार पर जनवरी 2021 में कारों की बिक्री में 16 फीसदी की तेजी आई है. जनवरी महीने का जो आंकड़ा सामने आया है उसमें मारुति सुजुकी की बादशाहत खत्म होती दिख रही है.
जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में कुल कारों की बिक्री में (Original Equipment Manufacturer Vehicle) 15.89 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. संजीव सांन्याल ने 14 कार ब्रांडों की बिक्री की लिस्ट शेयर की है. इसमें मारुति की बिक्री में 0.60 फीसदी की गिरावट, फोर्ड की बिक्री में 15.16 फीसदी की गिरावट, स्कोडा की बिक्री में 25.46 फीसदी और जीप की बिक्री में 43.79 फीसदी की गिरावट आई है. Nissan की बिक्री में 220 फीसदी की सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई है. उसके बाद होंडा की बिक्री में 113 फीसदी, टोयोटा की बिक्री में 92 फीसदी, टाटा की बिक्री में 94 फीसदी, वोक्सवैगन की बिक्री में 85 फीसदी और हुंडई की बिक्री में 24 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.
Car sales continue to be strong, up 16% yoy in Jan'21 from Jan'20. Interestingly Maruti was flat, the rest made up for it. 1/n pic.twitter.com/3ehDJxFdMG
— Sanjeev Sanyal (@sanjeevsanyal) February 4, 2021
मारुति का मार्केट शेयर 46 फीसदी
मारुति की बिक्री में भले ही मामूली गिरावट आई हो, लेकिन अभी भी इसकी लोकप्रियता के सामने दूर-दूर तक कोई कार ब्रांड नहीं है. जनवरी 2021 में मार्केट शेयर की बात करें तो मारुति का मार्केट शेयर 45.74 फीसदी, उसके बाद हुंडई का शेयर 17.11 फीसदी, टाटा का 8.88 फीसदी, महिंद्रा का 6.74 फीसदी, किया का 6.27 फीसदी और होंडा का 3.72 फीसदी है. मारुति ने जनवरी में कुल 139002 यूनिट कार बेचे हैं. उसके बाद हुंडई ने 52005 यूनिट और टाटा ने 26980 यूनिट कार बेचे हैं.
स्क्रैप पॉलिसी से ऑटो सेक्टर का होगा कायाकल्प
सरकार ने इस बजट में ऑटोमोबाइल सेक्टर में जान फूंकने के लिए स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा की है. इस पॉलिसी के तहत 20 साल से पुरानी पर्सनल कार और 15 साल से पुरानी कमर्शियल कार सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी. माना जा रहा है कि इस फैसले से ऑटो सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि स्क्रैप पॉलिसी के कारण इंडियन ऑटोमोबाइल सेक्टर का बाजार 4.5 लाख करोड़ से बढ़कर 6 लाख करोड़ पर पहुंच जाएगा. अभी स्टील का बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है. स्क्रैप पॉलिसी के कारण पुराने वाहनों के स्टील का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे वाहनों की कीमत में भी गिरावट आएगी.
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