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Scheme for Exporters सरकार ने रेमिशन आफ ड्यूटीज एंड टैक्सेज आन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (रोडटेप) को लागू कर दिया। इस वर्ष पहली जनवरी से होने वाले निर्यात पर यह स्कीम लागू होगी जो अगले तीन वर्ष तक जारी रहेगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सरकार ने रेमिशन आफ ड्यूटीज एंड टैक्सेज आन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (रोडटेप) को लागू कर दिया। इस वर्ष पहली जनवरी से होने वाले निर्यात पर यह स्कीम लागू होगी जो अगले तीन वर्ष तक जारी रहेगी। रोडटेप स्कीम में 8,555 उत्पादों को शामिल किया गया है। आइटम के हिसाब से रोडटेप स्कीम की दरें तय की गई है जो 0.5-4.3 फीसद होंगी। लेकिन स्टील, फार्मा और केमिकल से जुड़े निर्यात को रोडटेप से बाहर रखा गया है। सरकार का कहना है कि इन सेक्टर का निर्यात प्रदर्शन काफी बेहतर है, इसलिए इन्हें किसी प्रोत्साहन की जरूरत नहीं है। एसईजेड से होने वाले निर्यात को भी स्कीम में शामिल नहीं किया गया है। रोडटेप स्कीम की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
निर्यात होने वाली वस्तुओं को तैयार करने के दौरान निर्यातक जो टैक्स केंद्र, राज्य या फिर स्थानीय निकाय को देते हैं, रोडटेप स्कीम के तहत उन्हें वह रिफंड कर दिया जाएगा। यह रिफंड पूरी तरह से केंद्र सरकार देगी। वाणिज्य व उद्योग सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने बताया कि रोडटेप के लिए चालू वित्त वर्ष में 12,454 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस वर्ष जनवरी से मार्च तक की अवधि के लिए अलग से राशि दी जाएगी। रोडटेप से पहले सरकार ने रिबेट आफ स्टेट एंड सेंट्रल टैक्सेज एंड लेविज (रोसटेल) को अधिसूचित किया है। गारमेंट, अपैरल और व मेड-अप्स यानी कपड़े के कुछ प्रकार के निर्मित आइटम के लिए लागू इस स्कीम के तहत 6,946 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।
वाणिज्य सचिव ने बताया कि रोडटेप को पूरी तरह से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है ताकि निर्यात इंसेंटिव के नाम पर विकसित देशों द्वारा इसे किसी प्रकार की चुनौती नहीं दी जा सके। रोडटेप मुख्य रूप से मर्चेन्डाइज एक्सपोर्ट फ्राम इंडियन स्कीम (एमईआइएस) की जगह लेगी। सचिव ने बताया कि एमईआईएस इंसेंटिव स्कीम थी जबकि रोडटेप रिइंबर्स (भरपाई) स्कीम है जिसके तहत सीधे तौर पर निर्यातकों को नकदी दी जाएगी। सुब्रह्मण्यम ने बताया कि रोडटेप स्कीम से निर्यात होने वाली लगभग 70 फीसद वस्तुएं कवर हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि एमईआईएस के तहत निर्यातकों के जो बकाए हैं, उन सभी का भुगतान भी जल्द ही करने करने की तैयारी चल रही है।
निर्यातक निर्यात होने वाली वस्तु के उत्पादन के लिए बिजली, वस्तुओं की ढुलाई के लिए लगने वाले ईधन पर वैट, स्टैंप ड्यूटी, उत्पाद शुल्क व मंडी शुल्क जैसे भुगतान करते हैं। इन सभी शुल्कों को वापस ले लिया जाएगा। सभी वस्तुओं के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं। उन वस्तुओं के होने वाले निर्यात की मात्रा और उस वस्तु के लिए तय दर के हिसाब से रिफंड मिलेगा।
क्या होगा फायदा
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 400 अरब डालर का वस्तु निर्यात लक्ष्य रखा है जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 35 फीसद अधिक है। रोडटेप से वस्तु की लागत कम होगी जिससे निर्यात की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी। रोडटेप स्कीम में शामिल वस्तु का अधिक निर्यात करने पर निर्यातकों को अधिक रिफंड मिलेगा जिससे निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा।
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