44 अरब डॉलर के कपड़ा निर्यात का है लक्ष्य, भारत के पास बड़ा मौका, मिल सकती है मजबूती
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका ने चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से कपास के आयात पर पाबंदी लगा दी है. इसकी वजह से भारतीय कपड़ा क्षेत्र के लिए नए अवसर बने हैं. देश के सूती परिधान क्षेत्र के लिए निर्यात के रास्ते खुले हैं. इससे भारतीय कपड़ा का एक्सपोर्ट बढ़ सकता है. कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने इस बारे में जानकारी दी. अमेरिका ने श्रम बल से जबरन काम लिए जाने के आरोपों को लेकर जनवरी में चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से सूती उत्पादों के आयात पर पाबंदी लगाए जाने की घोषणा की थी.
शक्तिवेल ने कहा कि एईपीसी ने चीन से अमेरिका को निर्यात किये जाने वाले 20 कपास परिधान उत्पादों को चिन्हित किया है. उन्होंने एक बयान में कहा, ''हमने प्रतिबंध के बाद अमेरिकी बाजार में माल की कमी को पूरा करने के लिये अपने सदस्यों के साथ सूची साझा की है. चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से सूती कपड़ों के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध ने भारतीय वस्त्रों के लिए अवसर प्रदान किए हैं. हालांकि इसके लिए जरूरी है कच्चे माल की कीमतों में स्थिरता बनी रहे.''
कीमतों में उतार-चढ़ाव से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
उन्होंने कपास और धागों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर चिंता जताई. इससे देश से परिधान निर्यात पर असर पड़ रहा है. शक्तिवेल ने कपड़ा मंत्रालय से मूल्य वर्धित निर्यात पर प्रोत्साहन तथा कच्चे माल के निर्यात को हतोत्साहित करने जैसे कदम उठाने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय कपास परिषद (CCI) को 70 प्रतिशत कपास स्थानीय विनिर्माताओ को उपलब्ध कराने चाहिए. इससे मूल्य वर्धित निर्यात, निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
44 अरब डॉलर के कपड़ा निर्यात का है लक्ष्य
शुक्रवार को कपड़ा मंत्री मंत्री पीयूष गोयल ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री में सुधार के लिए बहुत जल्द PLI स्कीम और मेगा टेक्सटाइल पार्क स्कीम को लागू करने की बात कही. सरकार की योजना 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क तैयार करने की है. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने कपड़ा निर्यात का लक्ष्य 44 अरब डॉलर रखा है. गोयल ने कहा कि इस साल हम इस लक्ष्य को हासिल करेंगे. अगले पांच वर्षों में देश का कपड़ा निर्यात बढ़कर 100 अरब डॉलर का हो जाएगा.
लोकल गोज ग्लोबल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वस्त्र क्षेत्र में 'लोकल गोज ग्लोबल- मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' के उद्देश्य को साकार करने के लिए ताकत, भरोसा और क्षमता है. उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल फाइबर गुणवत्ता वाले भारतीय ब्रांड "कस्तूरी कॉटन" के लॉन्च के साथ वस्त्र उद्योग के सामने कारोबार में विस्तार के नए अवसर खुल गए हैं.