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जुर्माने से रेलवे की कमाई 2000 करोड़ के पार

Tara Tandi
28 May 2023 6:57 AM GMT
जुर्माने से रेलवे की कमाई 2000 करोड़ के पार
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भारतीय रेलवे द्वारा बिना टिकट यात्रा करना कानूनन अपराध है, लेकिन इसके बाद भी लोग ऐसा करने से बाज नहीं आते। पिछले कुछ वर्षों के दौरान रेलवे द्वारा बिना टिकट यात्रा करते पकड़े जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। साथ ही ऐसे यात्रियों से वसूले जाने वाले जुर्माने से रेलवे की कमाई भी रिकॉर्ड तेजी से बढ़ी है.
आरटीआई से मिली जानकारी
रेलवे द्वारा बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए लोगों की संख्या और उनसे वसूले जाने वाले जुर्माने का खुलासा एक आरटीआई के जवाब में हुआ है. एक न्यूज एजेंसी पीटीआइ में आरटीआई के हवाले से बताया गया है कि रेलवे ने 2022-23 में गलत टिकट या बिना टिकट यात्रा कर रहे 3.6 करोड़ यात्रियों को पकड़ा, जो एक साल पहले की तुलना में करीब एक करोड़ ज्यादा है.
बेटिकट रेल यात्री तेजी से बढ़े
रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के तहत रेलवे से इन सवालों के जवाब मांगे थे. उन्हें मिले आरटीआई जवाब के मुताबिक, साल 2019-2020 में 1.10 करोड़ लोग बिना टिकट या गलत टिकट के यात्रा करते पकड़े गए थे. इनकी संख्या 2021-22 में 2.7 करोड़ और 2022-23 में 3.6 करोड़ हो गई। जबकि, 2020-21 में जिस साल कोविड-19 महामारी फैली, यह आंकड़ा 32.56 लाख था।
3 साल में इतनी बढ़ी कमाई
रेलवे ने आरटीआई के जवाब में पिछले तीन साल में ऐसे यात्रियों से वसूली गई रकम के आंकड़े भी दिए. आंकड़ों के मुताबिक, रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में ऐसे यात्रियों से 152 करोड़ रुपये की वसूली की, जो बढ़कर 2021-22 में 1,574.73 करोड़ रुपये और 2022-23 में 2,260.05 करोड़ रुपये हो गई. इस तरह तीन साल में जुर्माने से रेलवे की कमाई करीब 15 गुना बढ़ गई.
बिना टिकट यात्रा करने पर ये प्रावधान
साल 2022-23 में रेलवे द्वारा बिना टिकट पकड़े गए यात्रियों की संख्या कई छोटे देशों की आबादी से भी ज्यादा है. पकड़े जाने पर बिना टिकट यात्री को टिकट की वास्तविक कीमत के साथ कम से कम 250 रुपये का जुर्माना देना होगा। पकड़े जाने पर यदि कोई यात्री जुर्माना देने से इंकार करता है या उसके पास पर्याप्त पैसा नहीं है तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया जाता है और उसे रेलवे सुरक्षा बल यानी आरपीएफ को सौंप दिया जाता है.
पैसेंजर ट्रेनों की कमी जिम्मेदार
इस पूरे मामले का एक दूसरा पहलू भी है. यात्री अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें टिकट नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते कई बार उन्हें बिना टिकट यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है. रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि 2022-23 के दौरान करीब 3 करोड़ यात्री कंफर्म टिकट नहीं होने की वजह से यात्रा नहीं कर सके. इन 2.7 करोड़ यात्रियों ने टिकट लिया था, लेकिन कंफर्म नहीं होने के कारण यात्रा नहीं कर सके. इससे पता चलता है कि देश में कई व्यस्त रूटों पर ट्रेनों की कमी है।
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