लखीसराय। महिला एवं बाल विकास निगम और जीविका के संयुक्त तत्वावधान में नई चेतना अभियान पहल बदलाव की ओर जिले स्थित बड़हिया प्रखण्ड में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रतीक कुमार की अध्यक्षता में "सखी वार्ता" कार्यक्रम आयोजित किया गया। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रतीक कुमार ने बताया कि लैंगिक समानता लाने व जनकल्याणकारी योजनाओं की …
लखीसराय। महिला एवं बाल विकास निगम और जीविका के संयुक्त तत्वावधान में नई चेतना अभियान पहल बदलाव की ओर जिले स्थित बड़हिया प्रखण्ड में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रतीक कुमार की अध्यक्षता में "सखी वार्ता" कार्यक्रम आयोजित किया गया। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रतीक कुमार ने बताया कि लैंगिक समानता लाने व जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए सखी वार्ता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि महिला स्वाबलंबित होंगी तो महिलाओं में तरक्की का नया आयाम कायम होगा। इस दौरान उन्होंने महिला स्वाबलंबन के बारे में हिमाचल प्रदेश की महिलाओं के बारे में प्रेरक प्रसंग का जिक्र करते हुए बताया कि बहुत महिलाओं का बहुत ही कम उम्र में शादी हो गया, कुछ ही माह के पति का देहांत भी हो गया। बाल विवाह होने के कारण पढ़ाई भी नहीं की थी,गरीबी के कारण जीवन यापन के लिए उन्हें एकोंटेट का जॉब 350 प्रति माह पर मिला। जॉब के लिए टैली कोर्स की पढ़ाई की।बाद में उन्होंने विधवा महिला के लिए 2005 में एकल नारी शक्ति संगठन एनजीओ बनाया।
जिससे 16000 महिलाओं को रोजगार दिया। कहानी का मतलब खुद की यदि दृढ़ इच्छा शक्ति प्रबल हो तो कोई भी काम कर सकते हैं। इस लिए सभी महिलाओं को इस मानसिकता से ऊपर उठने की आवश्यकता है। एक दूसरे से वार्ता होने पर बहुत सारी समस्या निकल कर बाहर आती है। जिसको हम सभी मिलकर पहल कर सकते हैं। वार्ता के क्रम में बताया गया कि लैंगिक हिंसा के विरुद्ध गांव,पंचायत स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर वन स्टॉप सेंटर में जाकर शिकायत दर्ज़ करना है। जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार ने कहा कि महिलाओं एवम् किशोरियों के समाधान एवम विभिन्न योजनाओं की जानकारी हेतु एक विशेष के लिए सखी वार्ता का आयोजन किया गया है। इस प्रकार के आयोजन से बहुत आसानी से समस्या निकल कर आती है । जिसका समाधान सम्बंधित विभाग से हब के कर्मियों के द्वारा किया जाएगा। नई चेतना अभियान पहल बदलाव की ओर के तहत गांव, स्कूल, आगनबाड़ी केंद्र, कॉलेज आदि स्थानों पर जागरुकता अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि बिना जीविका दीदी के सहयोग से इतना बड़ा अभियान सफल नहीं हो सकता है। इसलिए जीविका दीदी को बढ़ चढ़कर भाग लेना है। साथ ही इसकी शुरुआत घर से ही करना है। लिंग आधरित हिंसा, दहेज प्रताड़ना से संबंधित शिकायत या महिलाओं से संबंधित किसी भी प्रकार के समस्याओं के लिए जिला हब फॉर इंपावरमेंट ऑफ वूमेन कार्यालय से सम्पर्क किया जाएगा। केंद्र प्रशासक पूनम कुमारी ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में एक ही छत के नीचे कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है । जैसे आपातकालीन सहायता, चिकत्सीय सहायता, मनोसामाजिक परामर्श, कानूनी सहायता एवम अल्पकालीन आश्रय की भी व्यवस्था किया गया है। अब महिलाओं को डर कर रहने की आवश्यकता नहीं है। जीविका के प्रखण्ड परियोजना प्रबन्धक कल्मेश्वरी प्रसाद ने बताया की वन स्टॉप सेंटर की तरह ही जीविका दीदी अधिकार केंद्र का संचालन जीविका दीदी के माध्यम से किया जाएगा । इसमें गांव स्तर की समस्या का निदान यहीं खत्म हो जायेगा। यदि यहां समस्या खत्म नहीं होता है तो उस समस्या को वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से खत्म किया जाएगा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया गया। मौके पर एसआई रेणु कुमारी, प्रखंड समन्वयक स्वच्छता शंभू कुमार, लैंगिक विशेषज्ञ नवीन कुमार, महिला पर्यवेक्षिका स्नेहलता कुमारी, रिंकी कुमारी सहित दर्जनों जीविका दीदी मौजूद थीं।