बिहार । अखिल भारतीय किसान महासभा का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन समाप्त हो गया. अभिषेक ने राजनीतिक प्रस्ताव व राजेन्द्र पटेल ने उपस्थित प्रतिनिधियों व अतिथियों की स्थिति को सदन में रखा. उद्घाटन सत्र के बाद प्रतिनिधि सत्र में महासभा के निवर्तमान सचिव उमेश सिंह ने काम-काज की रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट पर राज्य के जिलों से उपस्थिति 475 प्रतिनिधियों में 38 ने अपनी राय रखी.
किसानों से जुड़ी तमाम समस्याओं के साथ देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर प्रतिनिधियों ने खुलकर अपनी बात रखी. विधायक महानंद ने किसानों के उत्पादन का एमएसपी देने, राज्य में सुखाड़ व दहाड़ की स्थिति से निजात पाने, सिंचाई की व्यवस्था दुरुस्त करने, कृषि कार्य के लिए मुफ्त बिजली की व्यवस्था करने व कृषि लोन की माफी आदि सवालों को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष करने की बात की. देश में भाजपा व आरएसएस द्वारा भय व घृणा का माहौल बनाए जाने पर विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि किसान-मजदूरों की एकजुटता के बल पर भाजपा को इस बार सबक सिखाना है. विधायक अरुण सिंह ने किसानों की समस्याओं को लेकर स्थानीय स्तर पर संघर्ष करते हुए उसे राज्य स्तरीय स्वरूप देने पर जोर दिया.
विधायक रामबली सिंह यादव ने जहानाबाद के उदेरा में बने बराज में सालों भर पानी के लिए इंद्रपुरी जलाशय योजना का निर्माण कर सोन नदी को फल्गू नदी से जोड़ने की बात कही. शेखपुरा के किसान प्रतिनिधि रामकृपाल सिंह व कमलेश मानव ने वर्षों से लंबित सकरी-नाटा नदी जोड़े जाने की आवश्यकता बताई. उन्होंने कहा कि इससे शेखपुरा, नालंदा, नवादा व जमुई की हजारों एकड़ जमीन की सिंचाई हो सकती है. मुनिलाल यादव, मनोहर लाल, अलख नारायण चौधरी, अविनाश पासवान, सुनील राव, माया कुशवाहा, मनोज कुमार पांडेय, विशेश्वर यादव, रामायण यादव, प्रो सुधीर प्रसाद सिंह, मो इस्लामुद्दीन, संभू यादव, महावीर पोद्दार आदि किसान प्रतिनिधियों ने दस्तावेज पर अपनी बात रखी. निवर्तमान सचिव उमेश सिंह ने प्रतिनिधियों की राय को दस्तावेज में जोड़कर उसे और समृद्ध बनाए जाने की बात कही. सभी प्रतिनिधि करतल ध्वनि के साथ दस्तावेज को पास कर दिया.
खबर की अपडेट के लिए ‘जनता से रिश्ता’ पर बने रहे। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले