आगामी 9 दिसंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को लेकर डीजे ने की थानाध्यक्षों के साथ बैठक
लखीसराय। लखीसराय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार बालसा पटना के निर्देशानुसार आगामी 9 दिसंबर को होने वाली वर्ष का चतुर्थ एवं अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकोष्ठ में जिला न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में जिले भर के थाना अध्यक्षों के साथ एक बैठक आयोजित किया गया। मौके पर उन्होंने स्पष्ट शब्दों में सभी थाना अध्यक्ष को यह हिदायत दिए की लोक अदालत के कार्यों में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी । लोक अदालत के बारे में जानकारी देते उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नालसा के अध्यक्ष देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति के बाद वरीय न्यायाधिपति ही होते हैं । इस प्रकार बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार बालसा के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के बाद के वरिय न्याय मूर्ति अध्यक्ष होते हैं।
लोक अदालत के कार्यों को गंभीरता से लेना हम सबों की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत सीधे तौर पर जनकल्याण से जुड़ा हुआ होता है । इसमें लोगों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता है। किसी की हार जीत नहीं होती है। समझौते के आधार पर केस का निपटारा कराया जाता है । श्री शर्मा ने कहा कि थाना का प्रत्यक्ष जुड़ाव गांव के प्रत्येक व्यक्ति से होता है। थाना के चौकीदार की भागीदारी ग्रामीण परिवेश में अहम होती है । इसके माध्यम से थाना अध्यक्ष लोक अदालत से प्राप्त नोटिस का तमिल प्रत्येक परिवार को सूचित कर लोक अदालत को सौप जा सकता है। श्री शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी । कानून को आप लोगों से बहुत सारी अपेक्षाएं हैं। हमें यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि पुलिस डायरी वह अंतिम रिपोर्ट समय पर न्यायालय में जमा नहीं करवाया जाता है जिससे न्यायिक कार्य में अनावश्यक विलंब होता है । यह अत्यंत ही खेद का विषय है अगर पुलिस चाहे ले तो 80फिसदी विवाद का निपटारा थाना के माध्यम से हो जाएगा। इस पर विचार करने की जरूरत है। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव अभिषेक कुमार मिश्रा , रिटेनर अधिवक्ता सितेश सुधांशु ,सभी थाना अध्यक्ष सहित अन्य अधिकारी गण मौजूद थे।