चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की मुलाकात से पहले चीन ने अमेरिका और नाटो पर तीखा हमला बोला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन की टिप्पणी ने दोनों देशों के तेजी से बिगड़ते रिश्तों और विदेशों से टकराव के रवैये की आलोचना को खारिज करने वाले चीन के दृष्टिकोण को पुख्ता किया। पिछले हफ्ते स्पेन में नाटो सम्मेलन के दौरान ब्लिंकन ने चीन पर नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की अनदेखी का आरोप लगाया था।
झाओ ने इसका जवाब देते हुए कहा, कथित नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था असल में अमेरिका के हित में काम करने वाले देशों से संबंधित है। अमेरिका केवल वहीं अंतरराष्ट्रीय नियम देखता है, जहां उसका हित होता है। नाटो को उस पर अंधविश्वास का रवैया छोड़ना चाहिए। व्यापार, मानवाधिकार, ताइवान के मुद्दे पर आक्रामक रुख, दक्षिण चीन सागर पर एकाधिकार के दावे के कारण चीन के साथ अमेरिका के संबंध तनावपूर्ण हैं।
यूक्रेन पर चार माह से चल रहे हमले की निंदा करने से भी चीन ने इनकार कर दिया है और रूस व सहयोगियों पर लगाए गए नाटो व अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की आलोचना की है। उन्होंने इन पर विवाद को उकसाने का भी आरोप लगाया है। रूस के साथ इन दिनों चीन के संबंध और ज्यादा प्रगाढ़ हो रहे हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच असीमित भागीदारी को स्वीकृति दी गई थी।
'वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है नाटो'
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता छाओ ने दैनिक वार्ता में कहा, अमेरिका नाटो के साथ मिलकर चीन से प्रतिस्पर्धा और दोनों के बीच विवाद भड़काने की कोशिश कर रहा है। नाटो का इतिहास मतभेदों को भड़काकर युद्ध शुरू करने और निर्दोष लोगों की हत्याओं का रहा है और यह आज भी जारी है। उन्होंने कहा, तथ्यों से साबित होता है कि चीन नाटो के लिए खतरा नहीं है, बल्कि नाटो ही विश्व में शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।
वीवो पर छापे पर बोला चीन कि उम्मीद है निष्पक्ष जांच होगी
चीन ने बुधवार को उम्मीद जताई कि भारत चीन की मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो के खिलाफ कानून और नियमों के अनुसार चल रही जांच करेगा और चीन के लिए एक "वास्तव में निष्पक्ष" और "गैर-भेदभावपूर्ण" कारोबारी माहौल प्रदान करेगा।