पू. सी. रेल की रेलवे सुरक्षा बल ने 6 नाबालिगों और दो महिलाओं को किया उद्धार

असम: पूर्वोत्तर सीमा रेल की रेलवे सुरक्षा बल (रे.सु.ब.) ने पू. सी. रेल के रेलवे स्टेशनों और विभिन्न ट्रेनों पर 06 से 08 फरवरी, 2024 तक चलाये गये जांच अभियान के दौरान 06 नाबालिगों और दो महिलाओं को सफलतापूर्वक उद्धार किया। जनवरी, 2024 में पू. सी. रेल की रेलवे सुरक्षा बल ने 02 मानव तस्करों …
असम: पूर्वोत्तर सीमा रेल की रेलवे सुरक्षा बल (रे.सु.ब.) ने पू. सी. रेल के रेलवे स्टेशनों और विभिन्न ट्रेनों पर 06 से 08 फरवरी, 2024 तक चलाये गये जांच अभियान के दौरान 06 नाबालिगों और दो महिलाओं को सफलतापूर्वक उद्धार किया। जनवरी, 2024 में पू. सी. रेल की रेलवे सुरक्षा बल ने 02 मानव तस्करों की गिरफ्तारी के साथ 41 नाबालिग लड़कों एवं लड़कियों और 06 महिलाओं को उदधार किया। उद्धार बच्चों/महिलाओं को संबंधित चाइल्ड लाइन/एनजीओ, माता-पिता या जीआरपी को सौंप दिया गया।
07 फरवरी, 2024 की एक घटना में, रंगापाड़ा नॉर्थ रेलवे स्टेशन के रे.सु.ब. कर्मियों ने रंगापाड़ा नॉर्थ रेलवे स्टेशन से एक महिला के साथ फरार दो नाबालिगों को उद्धार किया। उसी दिन, न्यू कोचबिहार स्टेशन के रे.सु.ब. कर्मियों ने न्यू कोचबिहार स्टेशन से भागी हुई एक नाबालिग लड़की को उद्धार किया। महिला सहित उद्धार सभी नाबालिगों को उनकी सुरक्षित अभिरक्षा के लिए जीआरपी/रंगापाड़ा नॉर्थ और कोचबिहार के एक गैर सरकारी संगठन को सौंप दिया गया।
06 फरवरी, 2024 की घटनाओं में अलीपुरद्वार जंक्शन, न्यू बंगाईगांव और धर्मनगर रेलवे स्टेशनों के रेलवे सुरक्षा बल की टीमों ने संबंधित रेलवे स्टेशनों पर तलाशी अभियान चलाई। तलाशी के दौरान उनलोगों ने संबंधित रेलवे स्टेशन से एक-एक यानी कुल 03 नाबालिगों को उद्धार किया। बाद में, उद्धार नाबालिगों को सुरक्षित अभिरक्षा के लिए चाइल्डलाइन और माता-पिता को सौंप दिया गया।
08 फरवरी, 2024 को चापरमुख रेलवे स्टेशन की रेलवे सुरक्षा बल ने चापरमुख रेलवे स्टेशन से भागी हुई एक महिला को उद्धार किया। पूर्वोत्तर सीमा रेल की ‘मेरी सहेली’ रे.सु.ब. टीम ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को सहायता प्रदान करती है।
ट्रेनों और रेल परिसरों में देखभाल और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों से संबंधित मामले में निवारक उपाय किए जा रहे हैं। रे.सु.ब. द्वारा रेल यात्रियों की सुरक्षा और अपराधियों के खिलाफ अनवरत कार्रवाई की जाती है औऱ मानव तस्करी में संलिप्त संदिग्ध व्यक्तियों के साथ-साथ बिना उचित अभिभावक, संदिग्ध तरीके से आवाजाही, अकेले यात्रा करने वाले बच्चों आदि मामलों के प्रति सतर्क रहती है।
