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बापटला के निकट तट से जल्द टकराने वाला है चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’
अमरावती: गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ आंध्र प्रदेश के बापटला के निकट तट से जल्द टकराने वाला है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर बनी मौसम प्रणाली दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के साथ-साथ और उससे दूर उत्तर की दिशा में समानांतर और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ रही है और अगले दो घंटों में इसके तट को पार करने की उम्मीद है।अनुसार अमरावती मौसम विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ इस समय बापटला के करीब पहुंच रहा है। अगले दो घंटों में इसके यहां पहुंचने की उम्मीद है। दोपहर दो बजे तक चक्रवात के तट को पार करने की उम्मीद है।’’
अमरावती मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि भीषण चक्रवाती तूफान के केंद्र के पास हवा की तीव्रता 90 – 100 किलोमीटर प्रति घंटा से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है।आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) द्वारा पीटीआई-भाषा के साथ साझा किए गए आंकड़े के अनुसार कोनसीमा, काकीनाडा, कृष्णा, बापटला और प्रकाशम के सात जिलों से 9,454 लोगों को 211 राहत शिविरों में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
राज्य सरकार ने कोनसीमा जिले, काकीनाडा (523), कृष्णा (1,814), बापटला (702), प्रकाशम (128), नेल्लोर (1,991) और तिरुपति (3,386) से 910 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पहुंचाया।राहत प्रयासों के तहत 10,251 खाद्य पैकेट और 18,068 पानी के पैकेट वितरित किए गए।भयंकर चक्रवाती तूफ़ान ‘मिगजॉम’ के बापटला से टकराने की आशंका के कारण निवासियों को बाहर नहीं जाने की सलाह दी गई है।
बापटला जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वकुल जिंदल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि क्षेत्र में कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि 21 चक्रवात राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जबकि जिले में 10 पेड़ उखड़ गए हैं और पुलों में पानी सुरक्षित सीमा से बढ़ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक बहुत अधिक मानवीय नुकसान नहीं हुआ है। बारिश जारी है और थोड़ी हवा भी चल रही है। हमने उखड़े हुए पेड़ों को हटा दिया है और जलभराव वाले स्थानों पर वाहनों की आवाजाही रोक दी है। हम सतर्क हैं और जो भी होगा उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।’’
कुछ लोगों को वाहनों से राहत शिविर ले जाया गया और आस-पास रहने वाले लोग वहां पैदल चले गए।इससे पूर्व सोमवार को बापटला के जिला कलेक्टर रंजीत बाशा, जिंदल एवं विधायक के. रघुपति ने सूर्यलंका तट का दौरा किया था और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे।
जिले में हर थाने में जेसीबी मशीन, कटर मशीन, रस्सियां और विशेषज्ञ तैराक हैं।पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जिला पुलिस ने 24 संवेदनशील पुलों की पहचान की है और वहां पुलिस कर्मियों को तैनात किया।इसी तरह 300 पुलिस कर्मियों और अन्य अधिकारियों को उन गांवों में तैनात किया गया है जहां बाढ़ आने की आशंका है।
आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त 60 पुलिसकर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है।जिले में एक एनडीआरएफ और दो राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम तैनात की गई है। पुलिस ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हटा दिया है।आपातकालीन स्थिति में बापटला जिला पुलिस ने लोगों को हेल्पलाइन 100, 112 और पुलिस नियंत्रण कक्ष के नंबर पर संपर्क करने के लिए कहा है।
आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी है क्योंकि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु तटों के निकट बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना भीषण चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ तटीय क्षेत्रों के और निकट पहुंच रहा है।
मौसम केंद्र ने बताया कि गंभीर चक्रवाती तूफान के केंद्र के पास तूफान की वर्तमान तीव्रता 90 – 100 किलोमीटर प्रति घंटा है और हवाएं 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति चल रही हैं।
आंध्र प्रदेश के पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु तटों पर मौसम प्रणाली पिछले छह घंटों में मंगलवार सुबह साढ़े सात बजे तक 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर की दिशा में बढ़ी।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह नेल्लोर के उत्तर से उत्तर-पूर्व में 70 किलोमीटर, बापटला के दक्षिण से दक्षिण-पश्चिम में 90 किलोमीटर, मछलीपट्टनम से 150 किलोमीटर दक्षिण से दक्षिण-पश्चिम और चेन्नई से 230 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। मौसम प्रणाली तट के करीब उत्तर की दिशा में बढ़ रही है।
मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है। छिटपुट स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा का भी अनुमान है।
मंगलवार को कोनासीमा, पश्चिम गोदावरी, एलुरु, कृष्णा, एनटीआर, पालनाडु, बापटला और प्रकाशम जिलों के छिटपुट स्थानों पर 115.6 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर तक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान है।
इसी तरह अल्लूरी सीतारामाराजू, काकीनाडा, पूर्वी गोदावरी, कडप्पा और नेल्लोर जिलों के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने श्रीकाकुलम, पार्वतीपुरम मान्यम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, अनाकापल्ली, नंदयाला, अन्नामय्या और तिरुपति जिलों के कुछ हिस्सों में 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर तक भारी वर्षा का अनुमान जताया है।
पश्चिम गोदावरी जिले के कई हिस्सों में रविवार रात से रुक-रुक कर बारिश हो रही है।
पूर्वी गोदावरी जिले में कई नदियां और जलाशय उफान पर हैं और इसके मद्देनजर पुलिस अधीक्षक पी. जगदीश ने कहा कि राहत प्रयासों के लिए जिले भर में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
अनकापल्ली जिले के एसपी केवी मुरली कृष्ण ने अपने अधीनस्थों को उखड़े हुए पेड़ों को हटाने और इस उद्देश्य के लिए जेसीबी मशीनों और काटने वाली मशीनों को तैयार रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने बिजली लाइनों को बहाल करने के लिए अन्य विभागों के साथ समन्वय करने का भी निर्देश दिया। जलाशयों में उफान के मद्देनजर मुरली कृष्ण ने ‘कार्तिक मास’ अनुष्ठान करने वाले लोगों से समुद्र तट और अन्य जलाशयों पर जाने से बचने का आह्वान किया।
तिरूपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) ने कहा कि पिछले चार दिनों में लगातार बारिश के कारण तिरुमला के सभी पांच प्रमुख बांध सोमवार सुबह चार बजे तक अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच गए हैं।
पापविनाशनम, आकाशगंगा, गोगरभम, कुमारधारा और पसुपुधारा तिरुमाला में प्रमुख जल स्रोत हैं। तिरूपति में कल्याणी बांध से भी पानी लिया जाता है।
सोमवार शाम तक केवल 24 घंटों में तिरुमाला में लगभग 100 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
इसके अलावा टीटीडी ने घाट सड़कों पर दोपहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया।
तिरुपति के विधायक और टीटीडी के अध्यक्ष बी करुणाकर रेड्डी ने मंगलवार सुबह पुलावनिगुंटा और गोलावनिगुंटा में चक्रवात प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनसे बातचीत कर मदद का आश्वासन दिया।
अधिकारियों के साथ वहां पहुंचे रेड्डी ने प्रभावित लोगों से सतर्क रहने को कहा और जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क करने को कहा। रेड्डी ने अधिकारियों को तिरुपति में प्रभावित लोगों को भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
दक्षिण मध्य रेलवे ज़ोन ने आंध्र प्रदेश में अपने डिवीजनों में हेल्पलाइन स्थापित की हैं।