दिल्ली-एनसीआर

नई दिल्ली स्थित US एंबेसी के बाहर साइनबोर्ड के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई, हिंदू सेना ने ली जिम्मेदारी, एक व्यक्ति गिरफ्तार

Renuka Sahu
3 April 2022 6:12 AM GMT
नई दिल्ली स्थित US एंबेसी के बाहर साइनबोर्ड के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई, हिंदू सेना ने ली जिम्मेदारी, एक व्यक्ति गिरफ्तार
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फाइल फोटो 

यूक्रेन युद्ध के बीच हाल ही में दिल्ली स्थित अमेरिकी एंबेसी के साइनबोर्ड के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई थी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन युद्ध के बीच हाल ही में दिल्ली स्थित अमेरिकी एंबेसी (US embassy Delhi) के साइनबोर्ड के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई थी. दूतावास के बाहर साइनबोर्ड (Signboard) पर एक पोस्टर चिपका दिया गया था, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को संबोधित करते हुए लिखा था कि वह भारत को धमकाना बंद करें. इस घटना की जिम्मेदारी हिंदू सेना (Hindu sena) ने ली है. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

नई दिल्ली की डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया कि हमें शुक्रवार रात को इस घटना के बारे में जानकारी मिली थी. इस मामले में आरोपी पवन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने दावा किया किया है कि घटना के दिन वह विष्णु गुप्ता (हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष) के साथ अमेरिकी दूतावास के नजदीक गया था. वहां गुप्ता के कहने पर उसने साइनबोर्ड पर एक पोस्टर चिपकाया था जबकि गुप्ता ने इसे सोशल मीडिया पर डाला था. डीसीपी के मुताबिक, इस मामले में दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 2007 की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
यूएस एंबेसी के साइनबोर्ड पर चिपकाए गए पोस्टर में अंग्रेजी में लिखा था- गैर-भरोसेमंद बाइडन प्रशासन, भारत को धमकाना बंद करो. हमें आपकी नहीं बल्कि अमेरिका को चीन के खिलाफ भारत की जरूरत है. हमें अपने अनुशासित और बहादुर भारतीय सशस्त्र बलों पर गर्व है. जय जवान. जय भारत. इसके बाद हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने शुक्रवार को दावा किया कि यह उनके संगठन के लोगों की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन द्वारा भारत को लगातार धमकाए जाने का विरोध है.
विष्णु गुप्ता ने बाइडेन पर अमेरिका में कोरोना संकट की वजह से दवाब में आई इकॉनमी में फिर से जान डालने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे देश से इतिहास के सबक की जरूरत नहीं है, जिसने यूएन की मंजूरी के बिना यूगोस्लाविया और इराक पर आक्रमण किया. अमेरिकी साम्राज्यवाद के आगे घुटने नहीं टेकने के लिए कम से कम एक दर्जन देशों को नष्ट कर दिया.
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