दुनिया के सबसे लंबा कांच के पुल का दावा, 500 लोगों के वजन को कर सकता है आसानी से सहन
इलाके के छोटे व्यापारियों का मानना है कि पर्यटन के क्षेत्र में जो नुकसान पिछले कुछ सालों में हुआ है, उसकी भरपाई ये ब्रिज जरूर कर देगा.
कई लोगों को एडवेंचर पंसद होता है. अपने इस शौक को पूरा करने के लिए लोग दुनिया की खतरनाक जगहों की तलाश करते हैं और वहां घूमते हैं. अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो ये खबर आपके बड़े काम की है. आज हम आपको दुनिया का सबसे बड़े कांच के पुल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. लेकिन इसके बारे में ये भी कहा गया है कि ये केवल बहादुर लोगों के लिए ही है.
दुनिया के सबसे लंबा कांच के पुल का दावा
बता दें कि कांच का ये ब्रिज वियतनाम में बना है. इस ब्रिज की जमीन कांच की है और ये एक जंगल के ऊपर बना है. इस ब्रिज का नाम है बैक लॉन्ग ब्रिज (Bach Long pedestrian bridge) जिसका अंग्रेजी में अर्थ होता है 'व्हाइट ड्रैगन' (White Dragon bridge). ब्रिज का निर्माण करने वाले लोगों का दावा है कि ये दुनिया का सबसे लंबा कांच से बना ब्रिज है मगर अभी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है. ये 632 मीटर (2,073 फीट) लंबा है और इसकी ऊंचाई धरती से 150 मीटर (492 फीट) ऊपर है.
500 लोगों के वजन को कर सकता है आसानी से सहन
इस ब्रिज की संरचना दुबई के बुर्ज खलीफा टॉवर की ऊंचाई से लगभग तीन-चौथाई है. ये ब्रिज 500 लोगों के वजन को आसानी से झेल सकता है. पुल का फर्श फ्रेंच-निर्मित टेम्पर्ड ग्लास से बना है. कांच के फर्श का मतलब यह भी है कि पर्यटक डरावनी सैर करते हुए दृश्यों के अद्भुत दृश्य का लुत्फ उठा सकते हैं. पुल के संचालक के एक प्रतिनिधि होआंग मान ड्यू ने कहा 'पुल पर खड़े होने पर, यात्री प्रकृति की सुंदरता की प्रशंसा करने में सक्षम होंगे.'
ब्रिज से देख सकते हैं आसपास की सुंदरता
ग्लास फ्लोर होने के कारण पर्यटकों को ब्रिज के आसपास की खूबसूरती काफी आसानी से दिख सकती है हालांकि, इसपर चलने वाले लोग कई बार इतना डर जाते हैं कि नीचे देखने की भी हिम्मत नहीं करते हैं.
कोरोना के चलते बंद था ब्रिज
पिछले 2-3 सालों में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण विदेशी यात्रियों के देश यहां आने पर रोक लगी थी. लेकिन अब विदेशी यात्रियों के आने पर रोक हटा दी गई है. इलाके के छोटे व्यापारियों का मानना है कि पर्यटन के क्षेत्र में जो नुकसान पिछले कुछ सालों में हुआ है, उसकी भरपाई ये ब्रिज जरूर कर देगा.