महिलाएं पति की आपत्ति के बावजूद कराएंगी सिजेरियन प्रसव, चीन में अधिकार देने की तैयारी

चीन में गर्भवती महिलाओं को सिजेरियन प्रसव का अधिकार मिल सकेगा। मंगलवार को स्थानीय मीडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि चीन महिलाओं को सिजेरियन प्रसव का अधिकार देगा फिर चाहे महिला के पति इसपर आपत्ति ही क्यों ना दर्ज कराएं।

Update: 2021-12-22 05:04 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन में गर्भवती महिलाओं को सिजेरियन प्रसव का अधिकार मिल सकेगा। मंगलवार को स्थानीय मीडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि चीन महिलाओं को सिजेरियन प्रसव का अधिकार देगा फिर चाहे महिला के पति इसपर आपत्ति ही क्यों ना दर्ज कराएं। चीन की संसदीय स्थायी समिति इस हफ्ते महिला अधिकार व हित संरक्षण कानून संशोधन समेत कई विधेयकों पर चर्चा के लिए बैठक करेगी। यहां आपको बता दें कि यह कानून साल 1992 में पारित हुआ था।

चीन के एक संसदीय अधिकारी ही इतिंग ने कहा कि यह कानून पिछले कई सालों से मौजूद है लेकिन कुछ पुरानी समस्याएं अभी तक सुलझ नहीं पाई हैं। इस संबंध में चीन का मौजूदा कानून यह कहता है कि गर्भवती महिलाएं सिर्फ अपने पति की इजाजत मिलने पर ही सिजेरियन प्रसव करा सकती हैं।
कानून में महिलाओं को कहने के लिए तो एक समान अधिकार मिले हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि शादी करने, बच्चा पैदा करने और करियर चुनने के लिए उनपर परिवार वालों और अन्य फैमिली से जुड़े ऑथोरिटी का दबाव रहता है।
साल 2017 में अस्पताल में एक महिला की प्रसव पीड़ा से मौत हो गई थी। उस वक्त महिला के पति ने सिजेरियन प्रसव कराने की इजाजत नहीं दी थी। उस वक्त अस्पताल ने कहा था कि यह कानून के मुताबिक है। नये कानून में यह कहा गया है कि अगर गर्भवती महिला और परिवार के सदस्यों के बीच प्रसव को लेकर अलग-अलग राय है तो अस्पताल को महिला की राय का सम्मान करना होगा।पति की आपत्ति के बावजूद महिलाएं कराएंगी सिजेरियन प्रसव, चीन में अधिकार देने की तैयारी
चीन में गर्भवती महिलाओं को सिजेरियन प्रसव का अधिकार मिल सकेगा। मंगलवार को स्थानीय मीडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि चीन महिलाओं को सिजेरियन प्रसव का अधिकार देगा फिर चाहे महिला के पति इसपर आपत्ति ही क्यों ना दर्ज कराएं। चीन की संसदीय स्थायी समिति इस हफ्ते महिला अधिकार व हित संरक्षण कानून संशोधन समेत कई विधेयकों पर चर्चा के लिए बैठक करेगी। यहां आपको बता दें कि यह कानून साल 1992 में पारित हुआ था।
चीन के एक संसदीय अधिकारी ही इतिंग ने कहा कि यह कानून पिछले कई सालों से मौजूद है लेकिन कुछ पुरानी समस्याएं अभी तक सुलझ नहीं पाई हैं। इस संबंध में चीन का मौजूदा कानून यह कहता है कि गर्भवती महिलाएं सिर्फ अपने पति की इजाजत मिलने पर ही सिजेरियन प्रसव करा सकती हैं।
कानून में महिलाओं को कहने के लिए तो एक समान अधिकार मिले हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि शादी करने, बच्चा पैदा करने और करियर चुनने के लिए उनपर परिवार वालों और अन्य फैमिली से जुड़े ऑथोरिटी का दबाव रहता है।
साल 2017 में अस्पताल में एक महिला की प्रसव पीड़ा से मौत हो गई थी। उस वक्त महिला के पति ने सिजेरियन प्रसव कराने की इजाजत नहीं दी थी। उस वक्त अस्पताल ने कहा था कि यह कानून के मुताबिक है। नये कानून में यह कहा गया है कि अगर गर्भवती महिला और परिवार के सदस्यों के बीच प्रसव को लेकर अलग-अलग राय है तो अस्पताल को महिला की राय का सम्मान करना होगा।


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