देश में तालिबान से लड़ने वालों का करेगा समर्थन, दिवंगत अफगान कमांडर शाह मसूद की भतीजी का बयान
मैं समझती हूं कि तालिबान को भी इस बात का अहसास है।
अफगानिस्तान की एक प्रमुख महिला कार्यकर्ता और लेखिका अमीना जिया मसूद ने भारत को अफगानिस्तान का सदाबहार दोस्त बताते हुए उम्मीद जताई है कि वह युद्धग्रस्त देश में तालिबान से लड़ने वालों का समर्थन करेगा। वियान समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में, दिवंगत शक्तिशाली सैन्य कमांडर अहमद शाह मसूद की भतीजी अमीना ने कहा हम भारत से अपने रिश्तों के लिए बहुत आभारी हैं।
उल्लेखनीय है तालिबान के खिलाफ सबसे मजबूत प्रतिरोध का नेतृत्व करने के लिए शाह मसूद को आज भी पंजशीर का शेर भी कहा जाता है।उन्होंने कहा कि जब तालिबान पहली बार सत्ता में आया था, मेरा परिवार काबुल में था। हम पहली उड़ान से नई दिल्ली आ गए थे। इसलिए मैंने अपने बचपन के दो साल नई दिल्ली में बिताए। व्यक्तिगत रूप से, मेरा भारत के साथ एक विशेष लगाव है। जहां तक भारत की भूमिका का सवाल है, मैं उम्मीद करती हूं कि वह प्रतिरोध का समर्थन करेगा।उन्होंने कहा कि मैं जानती हूं कि भारत सरकार, तालिबान शासन में विश्वास नहीं करती है। मैं भारत सरकार से अपेक्षा करती हूं कि वह तालिबान शासन को मान्यता न दे। अमीना ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत अफगान शरणाíथयों की मदद करेगा और पूरे देश में प्रतिरोध का समर्थन करेगा।
तालिबान के पंजशीर पर कब्जा करने और प्रतिरोध बलों द्वारा इन दावों को खारिज करने के बारे में अमीना ने कहा प्रतिरोध अभी भी जारी है। दुर्भाग्य से, हम पंजशीर के बारे में बहुत नहीं कह सकते। क्योंकि इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहुत सारी फर्जी खबरें सामने आई हैं। लेकिन मैं आपको निश्चित रूप से बता सकता हूं कि पंजशीर में प्रतिरोध अभी भी जारी है। इसकी भौगोलिक स्थितियों के कारण पंजशीर पर कब्जा करनाबहुत कठिन है। मैं समझती हूं कि तालिबान को भी इस बात का अहसास है।