रोहिंग्या मुसलमानों के दमन को नरसंहार घोषित करेगा, म्यांमार की सैन्य सत्ता पर बढ़ेगा अंतरराष्ट्रीय दबाव

अमेरिका ने औपचारिक रूप से रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार सेना के अत्याचारों को ‘नरसंहार’ घोषित करने का फैसला किया है। इससे म्यांमार की सैन्य सत्ता पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा।

Update: 2022-03-22 01:15 GMT

अमेरिका ने औपचारिक रूप से रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार सेना के अत्याचारों को 'नरसंहार' घोषित करने का फैसला किया है। इससे म्यांमार की सैन्य सत्ता पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने रोहिंग्या अल्पसंख्यकों पर म्यांमार की लंबे समय से चली आ रही सैन्य कार्रवाई को नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन वाशिंगटन में होलोकॉस्ट संग्रहालय में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी आधिकारिक घोषणा करेंगे। संग्रहालय म्यांमार में रोहिंग्याओं के शोषण को दिखाने के लिए 'नरसंहार के लिए म्यांमार का रास्ता' नामक एक प्रदर्शनी की मेजबानी कर रहा है। ब्लिंकेन ने पिछले साल दिसंबर में मलयेशिया दौरे पर कहा था कि अमेरिका गंभीरता से विचार कर रहा है कि क्या रोहिंग्याओं के दमन को 'नरसंहार' के रूप में माना जा सकता है।

बता दें, 2018 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से भेजे गए तथ्यखोजी दल ने म्यांमार जाकर रिपोर्ट दी थी कि 2017 में रखाइन प्रांत में चलाए गए सैन्य अभियान को नरसंहार के इरादे की तरह अंजाम दिया गया। फिलहाल साढ़े आठ लाख रोहिंग्याओं ने पड़ोसी बांग्लादेश में शरण ले रखी है। वहां से भागे लोगों ने कहा है कि रोहिंग्याओं का नरसंहार हुआ, महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म कर उनके घर लूटे गए।

अतिरिक्त आर्थिक प्रतिबंध लगेंगे

नरसंहार घोषित करने का मतलब यह नहीं है कि म्यांमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। रोहिंग्या के खिलाफ भयानक अभियान के कारण, म्यांमार के सैन्य नेतृत्व पर पहले ही कई प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। अब नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इनके तहत म्यांमार सैन्य शासन के खिलाफ अतिरिक्त आर्थिक पाबंदियां लगाते हुए उसे मिलने वाली मदद में कटौती की जा सकती है।


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