क्या ब्रिटेन रोकेगा भारत की सहायता, सांसद ने किया पीएम बोरिस जॉनसन से आग्रह
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच प्रतिबंधों का दौर जारी है. दुनिया के विभिन्न देशों द्वारा जहां रूस पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. वहीं, भारत को भी अब निशाना बनाया जा रहा है
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) के बीच प्रतिबंधों का दौर जारी है. दुनिया के विभिन्न देशों द्वारा जहां रूस पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. वहीं, भारत को भी अब निशाना बनाया जा रहा है. ब्रिटेन के एक सांसद ने रूस के खिलाफ वोट न करने के लिए भारत की विदेशी सहायता रोकने का आग्रह किया है.
50 मिलियन पाउंड है सहायता
'द इंडिपेंडेंट' में छपी खबर के अनुसार, ब्रिटेन के सांसद जॉनी मर्सर ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से आग्रह किया है कि भारत ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) रखे प्रस्तावों से बार-बार परहेज किया है. ऐसे में भारत को भेजी जा रही 50 मिलियन पाउंड से अधिक की विदेशी सहायता को रोका जाए.
डोनेशन समाप्त करने का आ गया समय
इसको लेकर मर्सर ने ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ब्रिटेन को भारत को दिए जाने वाले इस दान को समाप्त कर देना चाहिए, क्योंकि इसके काफी कारण हैं. मर्सर ने कहा कि हम विदेशी सहायता के रूप में भारत को 55.3 मिलियन पाउंड दे रहे हैं. मैं विदेशी सहायता का प्रबल समर्थक हूं और इस सरकार द्वारा इसे कम करने के खिलाफ मतदान भी किया. वहीं, अगर हम पुतिन के साथियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने को मंजूरी देते हैं, तो इस दान को भी समाप्त करने का समय आ गया है.
रूस ने किया पलटवार
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच 9वें दिन भी युद्ध जारी है. युद्ध के बाद अमेरिका सहित कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. हालांकि, अब रूस ने भी पलटवार करना शुरू कर दिया है. रूस ने अमेरिका को तगड़ा झटका दिया है. रूस ने अमेरिका को रॉकेट इंजनों की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन (Dmitry Rogozin) ने यह जानकारी दी.
नहीं करेगा रॉकेट इंजनों की आपूर्ति
दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि इस तरह की स्थिति में अमेरिका को रॉकेट इंजनों की आपूर्ति नहीं कर सकते हैं. रूस ने 990 के दशक से अब अमेरिका को कुल 122 आरडी-180 इंजन दिए हैं, जिनमें से 98 का उपयोग एटलस को लॉन्च के लिए बिजली देने में किया गया अमेरिका में अभी भी 24 इंजन हैं, जिन्हें अब तकनीकी सहायता नहीं दी जाएगी.