पड़ोसी देश म्यांमार को इंडिया-ASEAN समिट से क्यों दूर रख रहा भारत, नहीं भेजा न्योता
भारत 16-17 जून को आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की मेजबानी करने जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत 16-17 जून को आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की मेजबानी करने जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत म्यांमार के विदेश मंत्री वुन्ना मौंग ल्विन को भी न्योता भेजेगा? रिपोर्ट्स बताती हैं कि आसियान देशों की सहमति के मुताबिक यह फैसला किया गया है कि सिर्फ लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों के विदेश मंत्रियों को ही आमंत्रित किया जाएगा। हालांकि इस बैठक में म्यांमार सरकार के एक अधिकारी को बुलाया जा सकता है।
म्यांमार विदेश मंत्रालय के स्थायी सचिव को भेजा गया न्योता?
सूत्रों के मुताबिक म्यांमार विदेश मंत्रालय के स्थायी सचिव चान ऐ को इस कार्यक्रम के लिए और 15 जून को होने वाली एक सीनियर अधिकारियों की बैठक के लिए आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। यह पहली बार होगा जब भारत दक्षिण पूर्वी एशिया के 10 विदेश मंत्रियों की मेजबानी करेगा। आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि म्यांमार की भागीदारी ग्रुप के नियमों पर आधारित होगी। उन्होंने बताया कि आसियान देशों के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी की 10वीं सालगिरह और संवादों की 30वीं सालगिरह के मौके पर 16-17 जून को भारत आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा।
किन मसलों पर हो सकती है बातचीत?
इस बैठक में कनेक्टिविटी, निवेश, सप्लाई चेंस और समुद्री सुरक्षा के मसलों के साथ ही क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान टोक्यो में घोषित इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क पर चर्चा करने की उम्मीद है।