इमरान खान ने ऐसा क्यों कहा, 'पाकिस्तान पर परमाणु बम गिराना ज्यादा बेहतर होता'

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के मुखिया और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि प्रतिष्ठान उन्हें बुला रहे हैं लेकिन वह उनसे बात करने के लिए तैयार नहीं हैं।

Update: 2022-05-14 06:48 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के मुखिया और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि प्रतिष्ठान उन्हें बुला रहे हैं लेकिन वह उनसे बात करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया है कि उन्होंने प्रतिष्ठान के नंबरों को ब्लॉक कर दिया है। पूर्व पीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले मैं किसी से बात नहीं करूंगा।

'पाकिस्तान पर परमाणु बम गिराना ज्यादा बेहतर होता'
इमरान खान ने 'साजिश' का समर्थन करने वालों से पूछा है कि क्या वे पाकिस्तान के भविष्य के बारे में चिंतित नहीं हैं? इन लोगों को सत्ता में रखने की तुलना में पाकिस्तान पर परमाणु बम गिराना ज्यादा बेहतर होता। उन्होंने आगे कहा है कि मुझे पिछले साल जून में 'साजिश' के बारे में पता चला था, लेकिन दुर्भाग्य से, 'सभी फैसले' हमारी सरकार को कमजोर करने के लिए किए गए थे।
सेना के साथ कहां आई दिक्कत, इमरान खान ने बताया
इमरान खान ने कहा है कि सरकार के अंतिम दिन तक प्रतिष्ठान के साथ हमारे अच्छे संबंध थे लेकिन दो मुद्दे थे जिन पर उन्होंने एक-दूसरे से आंख मिलाकर नहीं देखा। पूर्व पीएम ने कहा कि 'शक्तिशाली तबके' चाहते थे कि उस्मान बुजदार को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया जाए, लेकिन 'सिंध में भ्रष्टाचार और शासन के मसले अधिक थे।
फैज हमीद को लेकर क्या दिक्कत थी?
पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान ने कहा है कि प्रतिष्ठान के साथ दूसरी असहमति लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के मसले पर थी क्योंकि वह चाहते थे कि सेना के अधिकारी 'सर्दियों' तक खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में सेवा करें। ऐसा अफगानिस्तान की स्थिति को देखते हुए और तत्कालीन विपक्ष के कारण चाहता था।
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