'शादी क्यों करनी है?' से लेकर बर्मिंघम में ब्याह तक, 3 महीनों में बयान से पलटी मलाला यूसुफजई
कभी विवाह संस्कार पर सवाल उठाने वाली मलाला युसुफजई खुद उसी बंधन में बंध गई हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कभी विवाह संस्कार पर सवाल उठाने वाली मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai) खुद उसी बंधन में बंध गई हैं. जी हां महज तीन महीने शादी व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली मलाला के निकाह की खबरें आई तो न सिर्फ पाकिस्तान (Pakistan) बल्कि पूरी दुनिया में उन्हें जानने वाले हैरान रह गए.
एक विदेशी मैगजीन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मैं केवल अपना काम करूंगी. उन्होंने ये भी कहा, 'मैंने केवल सोचा कि मैं कभी भी शादी नहीं करने वाली, कभी बच्चे नहीं करूंगी. मैं हमेशा खुश और अपने परिवार के साथ रहूंगी. मुझे एहसास नहीं था कि आप हमेशा एक जैसे नहीं रह सकते.'
सोशल मीडिया पर खुलासा
नोबेल प्राइज विनर मलाला यूसुफजई (Nobel Peace Prize laureate Malala Yousafzai) ने भी शादी (निकाह) कर ली. ब्रिटेन के बर्मिंघम (Birmingham) स्थित आवास पर हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने निकाहनामें में दस्तखत करते हुए असर मलिक को ताउम्र के लिए अपना शौहर कुबूल कर लिया.
निकाह के बाद मलाला ने ट्वीट किया, 'आज का दिन अनमोल दिन है. असर और मैं जीवनभर के लिए साथी बनने के लिए शादी के बंधन में बंध गए.' उन्होंने ट्विटर पर शादी समारोह की कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं. असर मलिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाई परफॉर्मेंस सेंटर के महाप्रबंधक हैं. उन्होंने भी अपनी वाल पर इस खुशखबरी को साझा किया.
मलाला ने क्या कहा था?
इस साल जुलाई में मैगजीन को दिए साक्षात्कार में मलाला ने शादी व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिए थे. ब्रिटिश पत्रिका वोग मैगजीन से बातचीत में उन्होंने कहा था, 'मुझे अभी भी समझ नहीं आता कि क्यों लोगों का शादी करना जरूरी है. अगर आप अपने जीवन में कोई व्यक्ति चाहते हैं, तो आपको शादी के कागजात पर दस्तखत करने की जरूरत क्या है. यह केवल साझेदारी क्यों नहीं हो सकती?'
बयान की हुई थी आलोचना
मलाला के इस बयान को उनके देश में जरा भी पसंद नहीं किया गया था. खासकर कट्टरपंथियों ने तो उनके शादी वाले बयान की कड़ी आलोचना की थी. गौरतलब है कि महिलाओं की शिक्षा के लिए अभियान चलाने वाली मलाला को पाकिस्तान में साल 2012 में तालिबानी हमलावरों ने गोली मार दी थी.
मलाला यूसुफजई को एक ताकतवर महिला के रूप में देखा जाता है. जिन्होंने 14 साल की उम्र में पाकिस्तान में लड़कियों को शिक्षित करने के लिए तालिबान से लड़ाई लड़ी. मलाला आज लड़कियों को शिक्षित करने के लिए मलाला नाम का एक फंड भी चलाती है. बता दें कि, उनका जन्म पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में स्थित मिंगोरा शहर मे हुआ था.