गुरु की नई तस्वीर क्यों तरजीह दे रहे हैं खगोलविद
वेब की तस्वीरों से ज्यादा उम्मीदें
पिछले कुछ हफ्तों से नासा (NASA) और उसके सहोगियों का नया जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) अपनी तस्वीरों को लेकर सुर्खियों में हैं. इस टेलीस्कोप की एक नई तस्वीर ने ज्यादा चर्चाएं पैदा कर दी है. यह तस्वीर सौरमंडल के गुरु ग्रह (Images of Jupiter) ही है. वेब की भेजी गई गुरु ग्रह की यह पहली तस्वीर नहीं है, लेकिन इस अभूतपूर्व तस्वीर के कारण खगोलविद और ग्रह विज्ञान में रुचि लेने वाले एक बार फिर गुरु ग्रह का अध्ययन करने में लग गए हैं जो इस तस्वीर को कई वजह से विशेष मान रहे हैं. वैज्ञानिक वेब टेलीस्कोप के जरिए गुरु का गहराई से अध्ययन कर रहे हैं.
वेब की तस्वीरों से ज्यादा उम्मीदें
फिलहाल नासा का हलब स्पेस टेलीस्कोप भी नई जानकारियों से भरपूर तस्वीरें भेज रहा है, लेकिन कौतूहल वेब टेलीस्कोप को लेकर ज्यादा है. वेब टेलीस्कोप से अलग ही तस्वीरों की उम्मीद की जा रही हैं. वेब ने पिछले महीने की 12 तारीख से ही नई तस्वीरें भेजना शुरू किया है. इसे पिछले साल 25 दिसंबर को प्रक्षेपित किया गया था. इसका संचालन नासा, यूरोपीय स्पेस एजेंस, कनाडाई स्पेस एजेंसी, और स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट मिल कर कर रहे हैं.
खास क्यों है तस्वीर
इस तस्वीर की खास बात यह है कि इस तरह की तस्वीर इससे पहले कभी नहीं ली गई. इस काली सफेद तस्वीर ने सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह चमकता हुआ दिखाई दे रहा है. इसमें गुरु ग्रह का मशहूर विशालकाय लाल धब्बा सफेद चमकीले हिस्से के तौर पर दिखाई दे रहा है. यह तस्वीर टेलीस्कोप के नियर इंफ्रारेड कैमरा (NIRCam) ने बीते 7 जुलाई को ली थी.
गहराई से अध्ययन
वेब की टीम इस विशेष ग्रह के वायुमडंल और उसके आसपास के विज्ञान का गहराई से अध्ययन करने का प्रयास कर रही है. गुरू ग्रह के चंद्रमाओं के तंत्र खगोलविदों के लिए एक बड़ी पहेली की तरह हैं जिसमें जीवन के संकेत मिलने की भी उम्मीद है. वेब टेलीस्कोप के जरिए गुरु ग्रह की तापीय संरचना, वायु, ऑरोर और अन्य विशेष तरह की परिघटनाओं को समझने का प्रयास किया जा रहा है.
गुरु ग्रह (Jupiter) की सामान्य तस्वीरों में कुछ इस तरह की छवि दिखाई देती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
गुरु की विशेष पड़लात
इस अंतरिक्ष यान के शक्तिशाली लेंसों को परीक्षण के दौरान गुरु ग्रह की ओर मोड़ा गया था. नासा ने इसकी तस्वीरें भी जारी की थीं इस तस्वीर को स्पेस टेलीस्कोप साइंस इस्टीट्यूट के मिकूल्स्की आर्काइव फॉर स्पेस टेलीस्कोप ने जारी किया था. टेलीस्कोप पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित इस ग्रह के अलग अलग पट्टियां साफ तौर पर देख पा रहा है. इसके साथ ही उसकी तस्वीरों में विशालकायलाल धब्बा भी दिखाई दे रहा है जो इतना बड़ा है कि उसमें हमारी पृथ्वी आसानी से समा सकती है.
धब्बा सफेद रंग का क्यों
नई तस्वीर में यह धब्बा सफेद रंग का दिखाई दे रहा है. इसकी वजह यह है कि तस्वीर ऑप्टिकल नहीं है बल्कि उसे इंफ्रारेड तरंगों के आधार पर विकसित किया गया है जो वेब को गुरु ग्रह से आती हुई दिखाई दीं. आम तौर पर यह विशेष धब्बा गुरु ग्रह के वायुमंडल के बीच में लाल और कत्थई रंगों का दिखाई देता है.
11 मिनट का अवलोकन
हालिया अवलोकनों में अंतरिक्ष यान ने गुरु का 11 मिनट तक अवलोकन किया था. इसके लिए एफ212एन फिल्टर का उपयोग किया गया जो 2.12 माइक्रोन वाली वेवलेंथ वाले प्रकाश का अवलकोन करता है. यह एक सामान्य बैक्टीरिया की लंबाई होती है. इस टेलीस्कोप का संचालन करने वाले मैरीलैंड के स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के मुताबिक इस सप्ताह गुरु ग्रह के चंद्रमा लू का अध्ययन किया जाएगा.
लू के अलावा वेब टेलीस्कोप, हाइजिया क्षुद्रग्रह, और सुपरनोवा कैसियोपिया ए का भी अवलोकन करेगा. इसके साथ ही खगोलविद यह जानने का भी प्रयास करेंगे क्या वे इस टेलीस्कोप के जरिए गुरु के चंद्रमा यूरोपा और शनि के चंद्रमा एनसेलॉडस में पदार्थ निकालने वाले गुबार का अवलोकन कर सकेंगे या नहीं. लेकिन खगोविदों को ज्यादा इंतजार अंतरिक्ष दूर से आने वाले धुंधले प्रकाश के आंकड़ों का है. इस तरह का इंफ्रारेड प्रकाश हबल स्पेस टेलीस्कोप भी नहीं पकड़ पाता है.