डब्‍ल्‍यूएचओ लेगा फैसला, मंकीपाक्स को लेकर घोषित किया जा सकता है वैश्विक आपातकाल

डब्‍ल्‍यूएचओ लेगा फैसला

Update: 2022-06-23 11:35 GMT
लंदन, एपी। मंकीपाक्स का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अब तक यह खतराक वायरस दुनिया के 42 देशो में फैल चुका है और इसके करीब 3,417 मामले सामने आए हैं। तेजी से फैल रहे इस संक्रमण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, WHO) ने गुरुवार को अपनी आपातकालीन समिति की बैठक बुलाई है। मंकीपाक्स के प्रकोप को लेकर वैश्विक आपातकाल घोषित किया जाए या नहीं बैठक में इस पर विचार किया जा सकता है।
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यानी डब्‍ल्‍यूएचओ की ओर से मंकीपाक्स को लेकर वैश्विक आपातकाल घोषित किए जाने का मतलब होगा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी इस प्रकोप को एक 'असाधारण घटना' मानती है और इसके अन्‍य देशों में भी फैलने का खतरा बना हुआ है। डब्‍ल्‍यूएचओ का यह एलान दुनिया को मंकीपाक्स के खिलाफ कोरोना महामारी और पोलियो उन्मूलन के लिए जारी प्रयासों के समान ही कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।
हालांकि वैज्ञानिकों को संदेह है कि ऐसी किसी भी घोषणा से इस पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी, क्योंकि इसके प्रकोप को दर्ज करने वाले विकसित देश पहले से ही इस पर काबू पाने के लिए तेजी से कदम उठा रहे हैं। पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनाम घेब्रेयसस ने बताया था कि यह वायरस 40 से अधिक देशों में पाया गया है। गौर करने वाली बात यह कि मध्य और पश्चिम अफ्रीका में दशकों तक मौजूद रहे इस वायरस का प्रकोप यूरोपीय मुल्‍कों में भी देखा जा रहा है।
वहीं समाचार एजेंस आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क (WHN) ने मंकीपाक्स के प्रकोप को महामारी घोषित कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क वैज्ञानिक और नागरिक टीमों का वैश्विक समूह है। WHN ने कहा कि यह वायरस अब तक 58 देशों में फैल चुका है और इसके 3,417 मामले सामने आए हैं। मौजूदा वक्‍त में इसका प्रकोप तेजी से कई महाद्वीपों में फैल रहा है। WHN ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन से इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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